मुंबई
मानसून के असमान वितरण के बाद कम फसल उत्पादन अनुमान के बावजूद दाम ऊंचे होने की वजह से खरीफ सत्र 2019 में खेतीबाड़ी से होने वाले लाभ में 12 फीसदी तक वृद्धि की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। क्रिसिल रिसर्च की कृषि रिपोर्ट 2019 के मुताबिक, ‘‘कम उत्पादन होने के बावजूद अधिक कीमत के कारण इस खरीफ सत्र में खेतबाड़ी की फसलों से लाभ 10-12 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।''
तीन वर्षो की अच्छी वृद्धि के बाद, बुवाई के कम रकबे, कम ऊपज की वजह से इस साल खरीफ उत्पादन में वर्षा के असमान वितरण की वजह से तीन से पांच फीसदी की कमी आने की संभावना है। मानसून की देरी की वजह से पहले ही 22 अगस्त, 2018 तक धान की बुआई में 6.4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। खरीफ सत्र के रकबे में धान रकबे का 30 फीसदी हिस्सा होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, कीमतों में वृद्धि होने की वजह से कपास और मक्का फसलों का रकबा पिछले सत्र के मुकाबले कहीं अधिक होगा।
कीमत वृद्धि ने किसानों को इन फसलों की बुवाई करने के लिए प्रोत्साहित किया है। महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बाढ़ और पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में कमजोर बारिश से उत्पादकता प्रभावित होने की आशंका है। इसके अतिरिक्त, अगस्त में तीव्र बरसात के कारण मक्का और धान पर कीटों के हमले में बढोतरी होने की संभावना है जिससे कृषि ऊपज पर प्रभाव होगा।