उम्र विवाद में भागलपुर मेयर पर लटकी तलवार, कोर्ट में दोषी पाये जाने पर जा सकती है कुर्सी

भागलपुर

भागलपुर की मेयर सीमा साहा की उम्र को लेकर हुए केस को पुलिस अनुसंधान में सत्य पाये जाने के बाद कई तरह की बातें सामने आने लगी हैं। कानून के जानकार कह रहे हैं कि कोर्ट में इस मामले में अगर मेयर को दोषी पाया गया तो उनकी कुर्सी भी जा सकती है। उनकी वार्ड पार्षद की सदस्यता भी खत्म हो सकती है।

 

नगर निगम परिसर में चर्चा होती रही

मेयर सीमा साहा शुक्रवार को नगर निगम स्थित अपने कार्यालय भी नहीं पहुंचीं। उनके नहीं आने से निगम परिसर में चर्चा होती रही कि केस को सत्य पाये जाने की बात सामने आने की वजह से ही वे कार्यालय नहीं पहुंची। नगर निगम परिसर में स्थित सभी शाखा कार्यालय में चर्चा मेयर को लेकर ही हो रही थी। कोई खुलकर नहीं बोल रहा था पर चेहरे पर एक ही सवाल दिख रहा था, अब क्या होगा। मेयर की कुर्सी रहेगी या जायेगी।

 

मेयर को जल्द नोटिस देगी पुलिस

उम्र विवाद में फंसीं मेयर सीमा साहा को जोगसर थाना जमानत के लिए नोटिस देगा। उसके बाद मेयर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया जाएगा। सिटी एसपी और सिटी डीएसपी की जांच रिपोर्ट में मेयर को जन्मतिथि में कूट रचना का दोषी पाया गया है। इस मामले में जन्म प्रमाणपत्र जारी करने वाले शाहकुंड प्रखंड के एक स्कूल की भूमिका की जांच चल रही है।

 

जोगसर थाने में दर्ज एफआईआर तीन साल से पेंडिंग

मेयर के खिलाफ जोगसर थाने में दर्ज एफआईआर तीन साल से पेंडिंग पड़ा था। छह महीने से आरोप के बिंदु पर अधिकारियों के बीच कई बार मंथन हुआ था। सदर एसडीओ की दो अलग-अलग रिपोर्ट को लेकर गहन मंथन चल रहा था। सिटी डीएसपी ने पहले सुपरविजन रिपोर्ट में माना कि जन्मतिथि में हेराफेरी की गई है। उसके बाद सिटी एसपी ने भी एसएसपी से मंतव्य लेकर डीएसपी की रिपोर्ट पर मुहर लगा दी। डीएसपी ने कहा कि यह मामला कूट रचना से जुड़ा है। इस मामले में सात साल से कम सजा का प्रावधान है। इसलिए दो-चार दिनों के अंदर मेयर को जोगसर थाने से नोटिस भेजा जाएगा।

 

मुझे न्यायपालिका पर पूर भरोसा है और कानून का पूरा सम्मान करती हूं। इस मामले में मैं सहयोग के लिए तैयार हूं। कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसे स्वीकार करूंगी। मुझे ईश्वर पर भी भरोसा है। पूजा-पाठ हमेशा करती रहती हूं। – सीमा साहा, मेयर 

 

सत्य को प्रमाणित करने में ढाई साल लग गए पर न्याय तभी पूर्ण माना जायेगा, जब आम और खास का विभेद किये बिना प्रशासन त्वरित कार्रवाई करते हुए इस निर्णय को सही अंजाम तक पहुंचाएगी। हमारी लड़ाई कभी भी निजी नहीं थी, पर सच क्या है ये प्रत्येक नागरिक जानना चाहता है। – डॉ. प्रीति शेखर, पूर्व डिप्टी मेयर 

 

शपथ पत्र के साथ जमा किये गये उम्र से संबंधित दस्तावेज में गड़बड़ी की गयी है और पुलिस ने उसे सत्य माना है। अगर कोर्ट में इस मामले में मेयर को दोषी पाया गया तो उनकी सदस्यता भी जा सकती है। – नारायण पाठक, अधिवक्ता 

 

 

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