उन्नाव
ट्रांसगंगा सिटी में पुलिस और किसानों में संघर्ष मामले में कमिश्नर मुकेश मेश्राम व एडीजी एसएन सावंत ने रविवार शाम मौका मुआयना किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर अराजक तत्वों का चिह्नांकन कराने के निर्देश दिए और कहा कि यूपीसीडा के अधिकारी 134 असंतुष्ट किसानों से बिन्दुवार वार्ता कर मामले का निस्तारण करें। विधिक दृष्टि से शासन व प्रशासन किसानों के साथ है। उन्होंने किसानों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील कर वार्ता कर अपनी बात रखने की सलाह दी है।
लखनऊ मंडल कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने रविवार को अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि यूपीसीडा की ओर से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। काम के दौरान जो परिस्थितियां सामने आई हैं, वह दोबारा नहीं आनी चाहिए। 2003 में भूमि अधिग्रहण ऐक्ट के तहत किसानों की भूमि ली गई थी और विवाद खड़ा होने पर 2013 में जमीन की दर से ज्यादा मुआवजा देकर किसानों की संतुष्ट किया गया था और दो साल तक काम भी कराया जाता रहा। तीस फीसदी तक काम भी हो गया था। उन्होंने कहा कि तीन गांवों में कुल 2059 किसानों की भूमि है, जिसमें 1925 किसानों ने मुआवजा लेने के बाद यूपीसीडा को भूमि दे दी थी।
बताया जा रहा है कि 134 किसानों से भूमि को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। इसमें कुछ अराजक तत्व इनकी भूमि को ठेके व पट्टे पर लेकर खेती करा रहे है। यही लोग किसानों को भड़का कर विवाद पैदा कर रहे हैं। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ऐसे लोगों का चिह्नित कर कार्रवाई करें।