मुंबई
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे को अपना नेता चुना। इसके बाद गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और ‘महाविकास आघाड़ी’ की सरकार बनाने का दावा पेश किया। गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को 166 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र सौंपा। राजभवन के एक बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में कहा, ‘मैंने देखा है कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के पास 166 निर्वाचित सदस्य हैं।’
बयान में कहा गया है कि क्योंकि उद्धव महाराष्ट्र विधानमंडल के सदस्य नहीं हैं इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर सदस्य बनना होगा। कांग्रेस-राकांपा के नेताओं के साथ राज्यपाल से भेंट करने वाले शिवसेना के एक नेता ने बताया कि ठाकरे दादर में शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को शाम छह बजकर 40 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ठाकरे परिवार से उद्धव पहले ऐसे नेता होंगे जो राज्य में शीर्ष राजनीतिक पद का प्रतिनिधित्व करेंगे।
पहले शपथ ग्रहण का समय 28 नवंबर को शाम 5 बजे था, फिर 5:23 हुआ और उसके बाद शाम 6:40 तय किया गया। सरकार को 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया गया है।
पहली बार ठाकरे परिवार से कोई बनेगा मुख्यमंत्री
पहली बार ठाकरे परिवार से कोई मुख्यमंत्री बनेगा। अबतक ठाकरे परिवार खुद को चुनाव से दूर रखता आया था लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में परिवार ने इस परंपरा को तोड़कर आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा था। यह संकेत था कि अब शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए सारा जोर लगाएगी। 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद से ही शिवसेना ने बीजेपी पर आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का दबाव डालना शुरू कर दिया। हालांकि, बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद बदली परिस्थितियों में खुद उद्धव को सीएम पद के लिए तैयार होना पड़ा।
प्रतिशोध की भावना नहीं रहेगी
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘सरकार गठन के बाद मैं अपने ‘बड़े भाई’ से मिलने दिल्ली जाऊंगा।’ मोदी ने चुनावी रैलियों के दौरान उद्धव को ‘अपना छोटा भाई’ बताया था। तीनों दलों ने एक होटल में संयुक्त बैठक की जहां ठाकरे को गठबंधन का नेता चुना गया।
मीटिंग में कौन-कौन रहा मौजूद
बैठक में शरद पवार, राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, समाजवादी पार्टी के अबू आजमी, तीनों दलों के विधायक तथा अन्य मौजूद थे। बैठक में उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बाल ठाकरे को भी याद किया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार का भी शुक्रिया अदा किया।
30 साल के दोस्त, दोस्त नहीं रहे
ठाकरे ने कहा, ‘मैं सोनिया जी का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। अलग विचाराधारा वाले दल साथ आए हैं…जो 30 साल से दोस्त थे, हम पर भरोसा नहीं किया। लेकिन जिनके खिलाफ हम 30 साल लड़ते रहे , उन्होंने मुझ पर भरोसा किया।’ उन्होंने कहा कि आम लोगों को इसे अपनी सरकार मानना चाहिए। ठाकरे ने कहा, ‘लड़ाई निजी नहीं है….मेरी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी।’
उल्लेखनीय है कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठजोड़ सरकार बनाने के लिए बैठकें कर रही थीं कि इसी बीच शनिवार को बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार के सपॉर्ट के साथ शनिवार को सुबह में ही सरकार बना ली। हालांकि, तमाम जद्दोजहद के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।