अयोध्या
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं। वह मुंबई से अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं। उद्धव के आने से पहले बड़ी तादाद में शिवसैनिक पहुंचने लगे हैं। शिवसैनिकों को लेकर एक विशेष रेलगाड़ी मुंबई से अयोध्या पहुंच रही है। वहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी शिवसैनिक भी अयोध्या पहुंचने लगे हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में 100 दिन पूरे होने पर उद्धव ठाकरे यहां अयोध्या में दर्शन करने आ रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और पुत्र व मंत्री आदित्य ठाकरे के भी आने की संभावना है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उद्धव आरती नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का पालन करते हुए उद्धव रामलला के दर्शन करने के बाद वापस चले जाएंगे।
इस दौरे के क्या मायने?
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे का अयोध्या का दौरा इस संदेश के तौर पर देखा जा सकता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चलाने के बावजूद उन्होंने अपने हिंदुत्व के एजेंडे को छोड़ा नहीं है। यूपी में शिवसेना की पैठ को भी इस दौरे से मिलाकर देखा जा रहा है।
संजय राउत पहले ही अयोध्या पहुंचे
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत शुक्रवार को ही अयोध्या पहुंच गए। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि रामलला का आशीर्वाद लेने उद्धव ठाकरे दो बार पहले भी अयोध्या दर्शन के लिए आ चुके हैं। अब मुख्यमंत्री बनने के बाद वह फिर श्रीराम का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें प्रभु राम की कृपा से ही मिली है।
संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और ममता बनर्जी की पार्टी (टीएमसी) समेत सभी दलों से अपील करता हूं कि वे मंदिर निर्माण में भागीदारी निभाएं। यह मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है। शिवसेना इसमें पूरा सहयोग करेगी और पूरी भागीदारी निभाएगी।
विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हिंदू महासभा
इस बीच अखिल भारत हिंदू महासभा उद्धव ठाकरे के दौरे का विरोध कर रही है। संगठन के उत्तर भारत के प्रभारी महंत परशुराम दास की अध्यक्षता में हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं और अन्य हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों की दोपहर बाद गोपनीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अयोध्या आगमन पर उनके विरुद्ध विरोध प्रकट करने की रणनीति पर विचार विमर्श हुआ।