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उत्तर प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलेंगे : योगी आदित्यनाथ

 गोरखपुर 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां कहा कि प्रदेश सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करेगी। इसके लिए नई नीति तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री गुरु गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग के सेवा शपथ समारोह को संबोधित कर रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद सात दशक में यूपी की 23 करोड़ आबादी के लिए सिर्फ 12 राजकीय मेडिकल कालेज थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से महज तीन साल के शासनकाल में 15 मेडिकल कॉलेज शुरू कराए। इनमें सात में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गई है जबकि 8 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा और 13 जिलों में मेडिकल कालेज निर्माण को इसी वित्त वर्ष में स्वीकृति दी गई है।

सीएम ने कहा कि प्रदेश के 45 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। 12 जिलों में निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराई जा रही है। बचे हुए 18 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए नई नीति तैयार की जा रही है। इस नई नीति के अनुसार सरकार और निजी क्षेत्र की मदद से एक वर्ष में इन मेडिकल कॉलेजों को भी शुरू कर दिया जाएगा। 

गोरखपुर-रायबरेली एम्स में इंडोर जल्द
सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर और रायबरेली एम्स में इस साल एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गई है। दोनों संस्थानों में ओपीडी की सुविधा शुरू शुरू हो गई है। जल्द ही इंडोर सुविधाएं भी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल भी अपग्रेड किए जा रहे हैं। 

हर गरीब को मिले बेहतर चिकित्सा सुविधा
सीएम योगी ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रदेश के 6 करोड़ लाभार्थी हैं। इन्हें पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। प्रदेश में 56 लाख लोग इस योजना से छूट रहे थे, उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना बना कर 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है। इन योजनाओं में रजिस्ट्रेशन से लेकर दवा तक का खर्च सरकार उठाएगी। 

महिला सशक्तीकरण और स्वावलम्बन को बढ़ावा
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के सृदृढ़ होने और स्वास्थ्य बीमा योजना के कारण स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों में नौकरियों के भारी अवसर उपलब्ध होंगे। इससे महिला सशक्तीकरण और स्वावलम्बन का नया अध्याय लिखा जाएगा। स्वास्थ्य क्षेत्रों में भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी तो सरकारी स्तर पर ही प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की भारी आवश्यकता होगी। चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की आवश्यकता होगी। निजी क्षेत्र में भी नौकरी के भारी अवसर मिलेंगे। मेडिकल कालेजों में स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य बीमा के कारण जब एक मरीज पैसे खर्च करने की क्षमता रखेगा तो स्वाभाविक रूप से इसका लाभ बाजार को भी मिलेगा। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वालों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। सीएम ने आह्वान किया कि नए भारत के साथ युवाओं को अपने आप को जोड़ना चाहिए। 

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