नई दिल्ली
करदाताओं को इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इस छूट का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि आप आराम से बैठक निवेश के उन तमाम निवेश साधनों पर विचार करें, जिन्हें मिलाकर 1.5 लाख तक की छूट पाई जा सकती है। निवेश के इन साधनों में ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) भी आता है, जिनमें निवेश कर आप सेक्शन 80C का फायदा उठा सकते हैं और अपनी कर देनदारी कम कर सकते हैं।
अपने लिए बेस्ट ELSS स्कीम चुनने के लिए आप अपने दिमाग में 1.5 लाख रुपये का आंकड़ा फिट कर लें, जो आप एक वित्त वर्ष में विभिन्न निवेश माध्यमों में निवेश करके बचा सकते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि 1.5 लाख रुपये के टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए आपको ईएलएसएस में 1.5 लाख रुपये के निवेश की जरूरत है।
क्या है ELSS
ELSS एक इक्विटी म्यूचुअल फंड है। इसके मुख्य रूप से दो फायदे हैं। इसमें बाजार से होनेवाले लाभ का फायदा उठाया जा सकता है। साथ ही, यह 80सी के तहत टैक्स बचाने में भी मदद करता है। इसमें 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है। इससे मिलने वाला रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है। इसमें आपको ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल जाती है। यह फायदा बाकी किसी म्यूचुअल फंड में नहीं होता।
निवेश के कई और विकल्प
सेक्शन 80C के तहत निवेश के कई विकल्प हैं, जिनपर टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है। इनमें एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (EPF) और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम भी शामिल हैं। अगर आप कामकाजी हैं तो निश्चित तौर पर आपका ईपीएफ अकाउंट होगा। आपका इसमें किया गया अंशदान सेक्शन 80C के तहत कर छूट का हकदार है। इसलिए, अपने सैलरी स्लिप में इस अंशदान को देखें और उस रकम को 12 से गुना कर दें। इससे आपको एक वित्त वर्ष में ईपीएफ में अंशदान की पूरी रकम का पता चल जाएगा। इसी तरह, अगर आप लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम का मासिक भुगतान कर रहे हैं तो फिर यही काम दोहराएं और पता करें कि एक वित्त वर्ष में आपने कितने प्रीमियम का भुगतान किया है।
आपको इस बात का पता होना चाहिए कि बच्चों की ट्यूशन फीस, नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट, होम लोन के ब्याज का भुगतान जैसे कई विकल्प हैं, जिनपर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है। अगर आपने इन सब में से किसी में भी निवेश किया है तो आप सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
ऐसे करें कैलकुलेशन
सबसे पहले आपको इस बात का पता होना चाहिए कि सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का पूरा फायदा उठाने के लिए आपको ईएलएसएस या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में कितना निवेश करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, अगर आप ईपीएफ के मद में हर महीने 5,000 रुपये का अंशदान करते हैं, तो एक साल में यह कुल 60,000 रुपये हो जाता है। इसके अलावा, आप हर महीने 3,000 रुपये लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम देते हैं तो एक साल में कुल रकम 36,000 रुपये हो जाती है। ऐसे में सेक्शन 80C का पूरा फायदा उठाने के लिए आपको केवल 54,000 (1.5 लाख-96,000) रुपये ईएलएसएस में निवेश की जरूरत है।
इस तरह चुनें बेस्ट ELSS स्कीम
अगले कदम में आपको सबसे बेस्ट टैक्स सेविंग ईएलएसएस स्कीम का चयन करना है। इसके लिए आप अपने किसी मित्र को फोन लगाएंगे। लेकिन ऐसा करने से बेहतर है कि आप इस बात का पता करें कि आपने पिछले साल निवेश के लिए ईएलएसएस स्कीम का चयन किस तरह किया था। आप पाएंगे कि ऐसा करन के लिए आपने ढेर सारे डेटा पर गौर नहीं किया था। इसलिए, अगर आप उस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो यह देखें कि अपनी कैटिगरी या बेंचमार्क पर उस स्कीम का प्रदर्शन कैसा है। अगर ठीक है तो आप उसमें निवेश पर विचार कर सकते हैं।
कुछ जरूरी बातें
यह बात सही है कि ईएलएसएस स्कीम तीन साल के लॉकइन पीरियड के साथ आती हैं। लेकिन इसमें निवेश करने से पहले इस बात को दिमाग में बैठा लें कि आप इसमें दीर्घावधि के लिए निवेश कर रहे हैं। साथ ही, अगर संभव हो तो अपने ईएलएसएस स्कीम को अपने लॉन्ग-टर्म गोल से लिंक करें। ऐसा करने से बाजार के बुरे वक्त में आपको इस स्कीम में बने रहने में मदद मिलेगी और जैसे ही लॉक-इन पीरियड खत्म होगा, उसे बेचने की बेचैनी भी नहीं होगी।