मुंबई
वित्तीय मुश्किलों में फंसी फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी DHFL ने सनब्लिंक रियल एस्टेट को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जो दुबई में रहने वाले गैंगस्टर की टेरर फाइनैंसिंग मामलों की जांच के केंद्र में है। इस घटनाक्रम का असर फाइनैंशल मार्केट्स पर पड़ सकता है और इससे होम लोन कंपनी को बचाने के लिए बैंकों के प्लान पर भी असर पड़ सकता है।
एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को 2010 में DHFL से सनब्लिंक को कर्ज देने के दस्तावेजी सबूत मिले हैं। ED का मानना है कि यह पैसा कथित तौर पर सनब्लिंक के जरिए विदेश में इकबाल मेमन यानी इकबाल मिर्ची के खातों में भेजा गया।
इस खुलासे से DHFL की परेशानियां बढ़ सकती हैं, जो इस साल जून में डिफॉल्ट कर गई थी। इसके बाद पिछले साल अक्टूबर में मार्केट क्रैश कर गया था और नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल सर्विसेज सेक्टर में संकट गहरा गया था। SBI सहित देश के कुछ बड़े बैंक अभी कंपनी को बचाने के लिए एक रिवाइवल पैकेज पर काम कर रहे हैं। हालांकि, DHFL की ED की जांच से इसके लटकने का डर पैदा हो गया है।
DHFL के अधिकारियों ने इस बारे में पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं दिया था। ED के अधिकारियों ने कहा कि अभी तक DHFL की जांच नहीं चल रही है। एजेंसी का ध्यान अभी सनब्लिंक को मिले गए फंड के इस्तेमाल पर था।
मिर्ची और सनब्लिंक के बीच लिंक का काम करने वाले रंजीत बिंद्रा को रिमांड पर लेने की याचिका में ED ने मंगलवार को कहा कि एक NBFC ने सनब्लिंक को पैसा दिया था, जिसका इस्तेमाल बाद में आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग के लिए किया गया। इस पैसे से पश्चिम एशिया में प्रॉपर्टी भी खरीदी गई।