इंटरनेट की दुनिया पर रहना है सेफ, ये 6 बातें फॉलो करना जरूरी

 
नई दिल्ली

रोज ढेरों इंटरनेट यूजर्स के अकाउंट हैक होते हैं और इतने ही यूजर्स फ्रॉड का शिकार बन जाते हैं। इंटरनेट की दुनिया पर खुद को सेफ रखना अब किसी चुनौती से कम नहीं रहा, लेकिन सतर्क रहकर खुद को ऐसे मामलों से बचाया जा सकता है। साइबर क्रिमिनल्स के लिए सबसे कारगर तरीके स्पाइवेयर और मैलवेयर होते हैं लेकिन इनसे बचा जा सकता है। अब साइबर अटैकर्स ईमेल और मेसेजेस की मदद से भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, ऐसे में अजनबियों से बात न करने और अनजान लिंक पर क्लिक न करने में ही फायदा है। इन छह बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स न करें इस्तेमाल
पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क की मदद से आसानी से आपको हैकिंग का शिकार बनाया जा सकता है। ऐसे में जब तक जरूरी न हो, पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स का इस्तेमाल न करें। मॉल्स, रेलवे स्टेशन और बाकी पब्लिक प्लेसेज पर वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचें।

पब्लिक चार्जिंग पोर्ट्स से बचें
अपने स्मार्टफोन को पब्लिक चार्जिंग पोर्ट की मदद से चार्ज करना भी आपको हैकिंग का शिकार बना सकता है। कई बार अटैकर्स ऐसे पोर्ट्स में यूएसबी केबल लगाने पर डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं। ऐसे में पब्लिक पोर्ट्स की मदद से डिवाइस चार्ज करने से बचें।

मजबूत पासवर्ड
किसी भी अकाउंट के लिए एक मजबूत पासवर्ड होना बहुत जरूरी है। अपनी डेट-ऑफ-बर्थ या फिर मोबाइल नंबर को पासवर्ड बनाने की गलती न करें और कोशिश करें आपका पासवर्ड आसानी से गेस न किया जा सके। ऐसे में पासवर्ड में स्पेशल कैरेक्टर्स और नंबरों को भी शामिल करना बेहतर होता है।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA)
गूगल और फेसबुक जैसी इंटरनेट सर्विसेज पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मदद ली जा सकती है और इस फीचर को ऑन करना ही बेहतर है। ऐसा करने के बाद हर बार नए डिवाइस पर लॉगिन करते वक्त आपके फोन पर ओटीपी आएगा और बिना ओटीपी एंटर किए कोई लॉग-इन नहीं कर सकेंगे।

वर्चुअल कीबोर्ड्स
कई बार की-बोर्ड ट्रैकर की मदद से अटैकर यूजर्स के पासवर्ड पता कर लेते हैं। कई ऑनलाइन सर्विसेज में आपको वर्चुअल की-बोर्ड की मदद से पासवर्ड टाइप करने का विकल्प मिलता है और इसकी मदद से पासवर्ड एंटर करने पर आप की-बोर्ड ट्रैकिंग से बच सकते हैं।

ओटीपी से करें लॉगिन
कई सर्विसेज यूजर्स को ओटीपी की मदद से लॉग-इन का ऑप्शन देती हैं। ऐसे में पासवर्ड टाइप करने से बेहतर ओटीपी की मदद से लॉग-इन करना होता है। यह ओटीपी सीधे यूजर्स के डिवाइस पर भेजा जाता है, ऐसे में अकाउंट हैक करने का रिस्क कम हो जाता है।

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