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इंजीनियरिंग छोड़कर स्कूलों में पढ़ा रहे ‘कखग’

 एटा
आईआईटी पास कर इंजीनियरिंग करने वाले डेढ़ दर्जन से अधिक युवा शिक्षक बनकर परिषदीय स्कूलों में बच्चों को ‘कखग’ पढ़ा रहे हैं। इन शिक्षकों के मार्गदर्शन में छात्र-छात्राएं स्कूलों में नित नए आयाम बना रहे है। उनको प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी समय-समय पर सम्मानित करते रहते हैं। बेसिक शिक्षा परिषद में नौनिहालों का जीवन संभालने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं में आईआईटी, एनआईटी पास कर इंजीनियर बनने वाले युवा भी शामिल हैं। इन युवा शिक्षकों की प्रतिभा को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने इनको चुनिंदा स्कूलों में कार्यरत किया है।

जहां पर यह प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय को परिषदीय विषयों के ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान दे रहे हैं। उसके सहारे स्कूल के छात्र-छात्राएं नित नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। इंजीनियरिंग छोड़कर शिक्षक बने युवाओं की मंशा ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने है। उसको लेकर उन्होंने अपने को महानगरों की भीड़ से निकालकर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित स्कूलों में नौकरी करने को चुना है।

यह शिक्षक कम्प्यूटर ज्ञान, आर्ट  एवं क्राफ्ट प्रतियोगिता, मॉड ल-प्रोजेक्ट प्रतियोगिताओं में अपने मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं से तैयार कराते है। जिनके माध्यम से छात्र-छात्राओं को जनपद, मंडल और राज्य स्तर पर चयन होता है। बच्चों के चयनित होने पर इन शिक्षकों को आत्मिक संतुष्टि मिलती है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में इंजीनियरिंग छोड़ कर शिक्षक बने सुनील गौतम, अनुभव कटियार , सुनील नरायन, कमलेश सिंह, मयंक नौटियाल, अंशिका सिंह , नैना सिंह , मोहिनी कश्यप, नेहा विश्वास आदि हैं।

ब्लॉक शीतलपुर क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय नगला पुरविया एक अद्वितीय विद्यालय है। यह विकास क्षेत्र का ही नहीं जनपद में एक अनूठा विद्यालय हैं। जहां दूर-दूर से छात्र-छात्राएं अध्ययन को आते हैं। इस गांव की आबादी नगण्य है। यहां के परिवार समृद्ध होने के कारण शहर में रहते हैं। प्राथमिक विद्यालय नगला पुरविया
6 से 14 वर्ष के बालक-बालिकाएं नहीं रहते हैं। ऐसी स्थिति में विद्यालय की कार्यरत प्रधानाध्यापिका प्रमिला दिनकर व सहायक अध्यापक मयंक तिवारी ने कोशिश कर छात्र संख्या 66 पहुंचाई है। शत प्रतिशत उपस्थित रहती हैं। बच्चे दूर-दराज स्थित उन गांव से पढ़ने आते हैं। गांधी जयंती, जन्माष्टमी, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाए जाते है। सत्रांत पर होने वाला वार्षिकोत्सव यहाँ की पहचान है। अध्यापकों के परिश्रम से छात्र-छात्राएं शिक्षा के साथ साथ खेलकूद, मंचीय प्रस्तुति में भी ब्लॉक, जनपद स्तर पर अपनी पहचान छोड़ते हैं।

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