जबलपुर
शादियों में होने वाला अनाप-शनाप खर्चा और शानों शौकत के लिए कुछ अलग कर दिखाने की तस्वीरें तो आपने खूब देखी होंगी, लेकिन जबलपुर (Jabalpur) में हो रही एक अनोखी शादी समाज को एक अलग संदेश दे रही है. यकीनन इसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है. इस शादी में मेहमान के तौर पर बड़े बड़े लोगों को नहीं बल्कि मूक बधिर छात्र (Dumb Deaf Student), वृद्ध आश्रम में रहने वाले बुजुर्ग और दृष्टिबाधित बच्चों (Visually impaired children) को बुलाया गया है. यही नहीं, उन्हें बकायदा बैठा कर ना सिर्फ खाना खिलाया गया बल्कि जमकर मेहमान नवाजी की गई.
बड़े घरों की शादियों में आधुनिक जमाने के वो तमाम इंतजाम होते है जो वैवाहिक आयोजनों की भव्यता को चार चांद लगाते हैं, जैसे कैटरिंग से लेकर मेहमानों और बारातियों के स्वागत तक के लिए खास इंतजाम. लेकिन जबलपुर में हो रही आसवानी परिवार की शादी खास होने के साथ-साथ जरा अलग हटके है. यहां मेहमान वो खास लोग हैं, जिन्हें भगवान ने ही खास बनाकर इस धरती पर भेजा है. जबकि तीन दिनी वैवाहिक कार्यक्रम शुरुआत इन खास मेहमानो की मेहमान नवाजी से की गई है.
दूल्हे के पिता ने अपने बेटे की शादी को सादगी के साथ सेवाभाव से करना चाहते थे. यही वजह है कि उन्होने दिव्यांग, दृष्टिबाधित बुजुर्गों को न्योता देकर बकायद पार्टी दी. उनका ऐसा मानना है कि उनके बेटे के जीवन की नई शुरुआत इन सभी के आशीर्वाद से होगी.
शादी में पहुंचे मेहमानों को आसवानी परिवार के सदस्यों ने अपने हाथों से खाना खिलाया. जबकि मेहमान भी इसे एक अनूठी पहल मानते है. उनका कहना है कि ये मौका खुद पर गर्व करने की बात हैं जहां समाज में किसी देवता के रूप में सभी खास मेहमानो को बैठाकर भोजन कराया जा रहा है. आधुनिक्ता की दौड़ में लोग अमूमन लाखों रुपए खर्च करते हैं, लेकिन आसवानी परिवार की इस खास पहल ने समाज को एक खास संदेश दिया है.