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आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के बाद लोगों की सांसों पर संकट: मायावती

लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लोगों को होने वाली समस्या पर चिंता जताई है. मायावती ने शनिवार शाम को ट्वीट कर कहा है कि नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी के कारण आर्थिक मंदी की मार के रूप में देश में छाई भीषण बेरोजगारी के बाद अब खासकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व लखनऊ में करोड़ों लोगों की सांसों पर संकट है. इसकी मीडिया में व्यापक चर्चा हो रही है, लेकिन सरकार इस जनचिंता पर पूरे तौर से गंभीर नहीं है, यह अति-दुखद.

उन्होंने कहा है कि वायु के अति-प्रदूषित होने के कारण दिल्ली-एनसीआर में स्कूल आदि भी बंद कर देने पड़े हैं. राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व साम्प्रदायिक माहौल के साथ-साथ अब सामान्य आबोहवा भी शांति से जीने लायक नहीं बची है. केंद्र व राज्य सरकारें इस आपात स्थिति पर तत्काल समुचित ध्यान दें तो बेहतर है.

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरवरी 2019 को पर्यावरण क्षतिपूर्ति को लेकर गाइडलाइन भी जारी की थी. इसके तहत एनएचएआई के अधिकारियों को चेतावनी देने के साथ ही हवा में धूल-मिट्टी उड़ने से रोकने का इंतजाम करने को कहा गया सभी निर्देशों को एनएचएआई हवा में उड़ाता रहा. अब सख्त कार्रवाई होने पर एनएचएआई के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है.

हाइवे पर लगातार उड़ती धूल उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है, जिनके प्रतिष्ठान हाइवे किनारे हैं. दिन भर उड़ती धूल से ऐसे लोगों को श्वास संबंधी बीमारी हो रही है. इसके अलावा जाम लगने से बाइक सवार और पैदल चलने वाले काफी देर तक खड़े रहते हैं. ऐसे में धूल भरी सांस लेने से लोग बीमार हो रहे हैं. एसएन मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में सांस संबंधी रोगियों की तादाद हर दिन पहुंचती है.

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