नई दिल्ली
रेल यात्रियों को घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा दलालों के लिए मोटी कमाई का जरिया बन गई है। प्रतिदिन ऑनलाइन बिकने वाले लगभग सात लाख कंफर्म टिकट में से छह लाख दलालों की झोली में जा रहे हैं। जिससे लाखों यात्री वेटिंग टिकट पर सफर को मजबूर हैं। स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है। क्योंकि दलालों के एडवांस सॉफ्टवेयर निरंतर आईआरसीटीसी की वेबसाइट में सेंधमारी कर रहे हैं। वहीं विभाग के अधिकारी कहते हैं कि साइबर अपराध में हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मंगलवार को ई-टिकट कालाबाजारी में अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया। उसका दावा है कि आधुनिक सॉफ्टवेयर की मदद से दलाल 85 फीसदी कंफर्म टिकट की बुकिंग चुटकियों में कर लेते हैं। शेष 15 फीसदी कंफर्म टिकट रेल यात्रियों के हाथ लगते हैं। देशभर में रोजाना साढ़े तीन हजार से अधिक लंबी दूरी की यात्री ट्रेन चलती हैं। हर रोज लगभग 12 लाख कंफर्म टिकट की बुकिंग होती है।
इसमें लगभग सात लाख टिकट की ऑनलाइन बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट से होती है। शेष टिकट की बुकिंग देशभर में फैले रेलवे टिकट काउंटर (मैन्युअल) से होती है।
दो मिनट में तीन टिकट बुक कर रहा :
आरपीएफ द्वारा पकड़े गए गिरोह के पास से मिला एएनएमएस नामक सॉफ्टवेयर दो मिनट से कम समय में तीन टिकट बुक कर लेता है। आईआरसीटीसी की सुरक्षा प्रणाली जैसे कैप्चा, एक आईडी से दो टिकट बुकिंग में समय का अंतर, ओटीपी आदि उक्त सॉफ्टवेयर को रोक नहीं पाती है। प्रोग्रामर में यात्रियों का विवरण पहले लिख दिया जाता है और जब तक टिकट बुक नहीं होता सॉफ्टवेयर वेबसाइट के सर्वर पर बार-बार हिट करता रहता है। इस प्रकिया में मैन्युअल दखल बिल्कुल नहीं होता है। जबकि आम यात्री को प्रक्रिया पूरी करने में तीन मिनट लगते हैं तब एक टिकट बुक होता है। आरपीएफ का दावा है कि आईआरसीटीसी के 20 हजार सब-एजेंट उक्त गिरोह के लिए काम कर रहे हैं।
गिरोह का सॉफ्टवेयर रेलवे पर भारी: आरपीएफ
आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि एएनएमएस सॉफ्टवेयर रेलवे की वेबसाइट में सेंध लगाने में सक्षम है। टिकट कालाबाजारी में कई अन्य गिरोह के काम करने की आशंका है। आरपीएफ ने 2019 में छापेमारी कर 21,711 आईआरसीटीसी यूजर आईडी को ब्लॉक किया है।
नियम अनुसार आईआरसीटसी की वेबसाइट पर आम जनता के लिए प्रतिदिन सुबह आठ बजे एडवांस रिजर्वेशन टिकट बुकिंग (एसी श्रेणी), 10 बजे तत्काल टिकट बुकिंग व 11 बजे स्लीपर के लिए एडवांस रिजर्वेशन शुरू होता है। इस दौरान आईआरसीटसी के लगभग 1.5 लाख सब-एजेंट वेबसाइट पर कोई टिकट बुकिंग नहीं कर सकते हैं। लेकिन प्रतिबंध के बावजूद एजेंट आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अवैध तरीके से सेंधमारी कर रहे हैं।