मध्य प्रदेश

“आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम की राज्य स्तर पर निगरानी होगी

भोपाल

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम की राज्य स्तर पर निगरानी हो। इसमें समाधान किए जाने वाले प्रकरणों की समीक्षा भी की जाए, जिससे यह पता चल सके कि जनता को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं। मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जन-अधिकार कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों की समस्याओं का समाधान मौके पर ही हो ताकि उन्हें भटकना नहीं पड़े। इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स से कहा कि वे पटवारियों के साथ बैठक कर उन्हें जन-हितैषी विशेषकर नामांतरण आदि प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ काम करने को कहें और वे स्वयं गाँव में जाकर पटवारियों के काम की समीक्षा करें।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम के परिणाम बेहतर मिलें यह सभी कलेक्टर्स को सुनिश्चित करना है। उन्होंने अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों में सभी बाढ़-प्रभावित लोगों को राहत और मुआवजा 15 अक्टूबर तक देने के निर्देश दिए। उन्होंने वन अधिकार प्रकरणों में कलेक्टर्स से विशेष सतर्कता बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रकरण कागजी कार्यवाही के कारण निरस्त नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निरस्त हुए प्रकरणों की जाँच की जाएगी और इसमें लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने आगामी रबी फसल के लिए खाद एवं बीज का आकलन अभी से करके पूरी तैयारी करने के निर्देश भी कलेक्टर्स को दिए। उन्होंने कहा कि बोनी के दौरान खाद और बीज को लेकर किसानों की कोई भी शिकायत नहीं मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी संभाग के आयुक्त स्वयं इन प्रकरणों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की जिम्मेदारी आयुक्तों की होगी। मुख्यमंत्री ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में इस बात की जाँच करें कि जिन पात्र किसानों के ऋण माफ हो गए हैं, उन्हें बैंकों से नोड्यूज प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जाएँ। इस कार्य में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।

सहायक आयुक्त आदिवासी एवं मण्डी सचिव निलंबित

जन-अधिकार कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा करते हुए ग्वालियर में प्रदीप कुमार को समय पर छात्रवृत्ति न स्वीकृत करने पर सहायक आयुक्त आदिवासी और सीहोर में कृषक बलवान दांगी को भावांतर योजना में भुगतान नहीं होने पर मण्डी सचिव और वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। गुना जिले में कमलू अहिरवार की वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत न करने के मामले में ग्राम रोजगार सहायक को दोषी पाए जाने पर उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी गई। श्योपुर के मांगी शिवहरे के एम.ए. प्रथम सेमिस्टर का रिजल्ट घोषित नहीं करने पर संबंधित कर्मचारियों के दो इंक्रीमेंट रोके गए। छतरपुर में कृषक भरत कुमार के नामांतरण प्रकरण का समय पर निराकरण नहीं करने पर पटवारियों को निलंबित किया गया। इसी तरह रीवा में विनायक प्रसाद पटेल द्वारा लिए गए ऋण में गफलत करने के लिए प्राथमिक सहकारी संस्था के प्रबंधक को निलंबित किया गया। जबलपुर में कृषक वीरेंद्र राजपूत को चने विक्रय करने का भुगतान समय पर नहीं करने पर प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। नरसिंहपुर के कृषक हेमराज सेन को डेढ़ साल से भावांतर राशि नहीं मिलने पर और किसानों के भुगतान की राशि गबन करने पर समिति के प्रशासक और पदाधिकारी पर एफआईआर कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में अदालत से लिए गए स्टे आर्डर को वेकेट कराए जाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएँ।

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