नई दिल्ली
अगर आप सोच रहे हैं कि यस बैंक में आपका अकाउंट नहीं है तो आप पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला तो आप गलत हैं। जनाब आपकी टैक्स सेविंग्स पर यस बैंक क्राइसिस का जरूर पड़ सकता है, उसे तो आप भूल ही गए थे, क्यों? आइए जानें कि कैसे आपकी टैक्स सेविंग्स इससे इफेक्ट हो सकती हैं।
टैक्स सेंविंग के लिए ELSS में है निवेश?अगर यस बैंक के खाते से ईएलएसएस फंड में आपका SIP है या इंश्योरेंस का प्रीमियम ऑटो-डेबिट होता था तो अब ऐसा नहीं होगा। जिन लोगों का यस बैंक में खाता नहीं है, उन पर भी इसका असर पड़ सकता है। मालूम पड़ता है कि यस बैंक LIC के NACL डेबिट का नोडल बैंक है। एलआईसी के कई पॉलिसीधारकों को प्रीमियम डेबिट होने में देरी होनें की आशंका का मेसेज मिला है क्योंकि यस बैंक पर RBI का मोराटोरियम लागू है।
करीब है 31 मार्च, न हुआ डेबिट तो क्या?
अगर 31 मार्च तक आपके हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम या SIP की इन्स्टॉलमेंट डेबिट नहीं हुई तो आप टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकेंगे। यानी आप उतनी टैक्स सेविंग नहीं कर पाएंगे जितना आप प्रीमियम पे करते हैं। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत आप ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं या लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम दे रहे हैं, तो टैक्स छूट के हकदार हैं।
अब क्या करें?
दूसरा बंदोबस्त करें: यस बैंक के नोडल बैंक होने के कारण अगर इंश्योरेंस प्रीमियम या ईएलएसएस सिप डेबिट नहीं हो रहा है या फिर आपका यस बैंक में खाता है तो अच्छा है कि पेमेंट्स के लिए दूसरा बंदोबस्त करें ताकि आपके टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट पर असर न पड़े। हालांकि पाबंदियां हटने पर इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स बहाल हो जाएगी
ग्रेस पीरियड का फायदा उठाएं: इंश्योरेंस पॉलिसी अमूमन प्रीमियम पेमेंट के ग्रेस पीरियड के साथ आती हैं। एलआईसी अमूमन 30 दिन का ग्रेस पीरियड देती है। यानी अगर आपका प्रीमियम 15 मार्च को डेबिट होना है तो ग्रेस पीरियड 14 अप्रैल तक होगा। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के मामले में ऐसा नहीं होता है।
चेक के जरिए पेमेंटः ELSS के SIP में भी ग्रेस पीरियड लागू नहीं होता है। पेमेंट करने के लिए आपको चेक या अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक तरीके का इस्तेमाल करना होगा।