भोपाल
प्रदेश में आदिवासी छात्र-छात्राओं की खेल प्रतिभा को विकसित करने के मकसद से आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा 23 खेल परिसर संचालित किये जा रहे हैं। इनमें 17 बालक और 6 कन्या खेल परिसर हैं। ये खेल परिसर पूर्णत: आवासीय हैं। प्रत्येक खेल परिसर में 100 विद्यार्थियों के लिये सीट स्वीकृत हैं। विभाग ने वर्तमान खेल परिसरों में से 7 खेल परिसरों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इन खेल परिसरों में आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिस्पर्धाओं के लिये विशिष्ट कोचिंग सुविधा प्रदान की जायेगी।
जिन 7 खेल परिसरों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएँ प्रदान की जायेंगी, उनमें बालक खेल परिसर, इंदौर में एथेलेटिक्स, स्वीमिंग और डायविंग की सुविधा होगी। बालक खेल परिसर, श्योपुर और खरगौन में ऐथेलेटिक्स, बालक खेल परिसर, शहडोल में क्लाइंबिंग एण्ड बोल्डरिंग, कन्या खेल परिसर, जबलपुर में साइकिलिंग, कन्या खेल परिसर, डही जिला धार में टेबल-टेनिस, बेडमिंटन और स्क्वैश की सुविधाएँ विकसित की जा रहीं हैं। कन्या खेल परिसर, झाबुआ में बालिकाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी की कोचिंग दिये जाने की व्यवस्था की जा रही है। इन चयनित खेल परिसरों में विद्यार्थियों को 6 हजार रुपये प्रतिमाह शिष्यवृत्ति दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि
आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिये पुरस्कार दिये जाने की योजना भी संचालित की जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 21 हजार रुपये और सामूहिक रूप से खेल में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रति खिलाड़ी 10 हजार रुपये की राशि दिये जाने का प्रावधान रखा गया है। द्वितीय पुरस्कार में व्यक्तिगत रूप से 15 हजार रुपये और सामूहिक राशि के रूप में प्रत्येक खिलाड़ी को 7 हजार रुपये, तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने पर व्यक्तिगत रूप से 11 हजार रुपये और सामूहिक रूप से 5 हजार रुपये की राशि प्रत्येक खिलाड़ी को दिये जाने का प्रावधान किया गया है।