नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े हुए तनाव के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अपनी रक्षा के लिए भारत ताकत के इस्तेमाल से नहीं हिचकेगा। दरअसल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति है। पाकिस्तान कई बार कश्मीर के लिए युद्ध तक की गीदड़भभकी दे चुका है।
रक्षा मंत्री ने सोल में एक रक्षा वार्ता में कहा, 'भारत ने अपने इतिहास में कभी भी किसी पर हमला नहीं किया है और न करेगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत अपनी रक्षा के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से हिचकेगा।' सोल में रक्षा वार्ता के मौके पर दक्षिण कोरिया के उच्च सैन्याधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और आतंकियों को पनाह देने वालों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक कार्रवाई की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों और उसके लिए फंड मुहैया कराने वालों एवं आंतकियों को पनाह देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'दुनिया अभी सुरक्षा से संबंधित असंख्य चुनौतियों से जूझ रही है। उन्हीं चुनौतियों में सबसे गंभीर चुनौती आतंकवाद की है।'
'सोल रक्षा वार्ता' को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने दुनिया की राजनीति में पैदा हुई समस्या को रेखांकित किया जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, 'दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है और भारत यूएन एवं अन्य मंचों के माध्यम से आतंकवाद से निपटने के लिए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सहयोग कर रहा है।'
अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की 'ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी' और कोरिया की 'न्यू साउदर्न पॉलिसी' से दोनों देशों के बीच विशेष सामरिक भागीदारी और मजबूत हुई है। रक्षा मंत्री बुधवार को सोल के तीन दिवसीय दौरे पर गए हैं।