मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन स्थित महामाल मंदिर से गुरुवार सुबह किया था गिरफ्तार किया गया है।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे को मध्यप्रदेश के उज्जैन से ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस लेकर उत्तर पदेश के लिए रवाना हो गई है। दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन स्थित महामाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। उधर, लखनऊ की कृष्णा नगर पुलिस ने देर शाम विकास दुबे की पत्नी ऋचा और उसके बेटे को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने विकास के नौकर को भी हिरासत में लिया है। कृष्णा नगर पुलिस तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि विकास दुबे को ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है। कानपुर कांड में शामिल दुबे के गिरोह के सभी सदस्यों को पकडऩे तक हमारा अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि दुबे के खिलाफ कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जब उनसे यह पूछा गया कि दुबे के अलावा उज्जैन से और कौन पकड़ा गया है, तो उन्होंने बताया कि हमेें मीडिया से जानकारी मिली है।
उनसे जब पूछा गया कि क्या यह यूपी पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस का संयुक्त अभियान था, तो उन्होंने जवाब दिया कि नहीं वहां हमारी टीम मौजूद नहीं थी। अधिकारी ने कहा, कानपुर से जांच अधिकारी और पुलिस टीम दुबे को लाने उज्जैन गई है। पांच लाख रुपये के इनामी विकास दुबे पर दो और तीन जुलाई की दरम्यानी रात चौबेपुर के बिकरू गांव में हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का आरोप है।
पुलिस वालों की लाशों को जलाने लाया था पेट्रोल
गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर यूपी पुलिस उज्जैन से रवाना हो गई है। कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद उसने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं। पुलिस वालों की हत्या कर वह शवों को जलाना चाहता था, ताकि सबूत मिट जाए। सूत्रों और मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, उसने पुलिस के सामने कबूल किया है कि पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद उसने शव की दीवार बनाई थी। उस पर पेट्रोल डाल कर वह जलाने वाला था, लेकिन मौका नहीं मिला तो वह फरार हो गया। पुलिस के समक्ष उसने अपने कुछ पुलिसकर्मियों के साथ रिश्ते को भी स्वीकार किया है।
पांच पुलिसकर्मियों का शव एक साथ रखा
खुलासे में विकास दुबे ने स्वीकार किया है कि वह पांच पुलिसकर्मियों का शव एक के ऊपर एक कर रखा था। उन शवों को वह पेट्रोल से जलाने वाला था। इसके लिए वह घर में पेट्रोल रखे हुए था, लेकिन मुठभेड़ के बाद उसे मौका नहीं मिला और मौके से भाग निकला।
देवेंद्र मिश्रा से था पंगा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विकास ने कबूला है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा के साथ उसकी नहीं बनती थी। मिश्रा मुझे देख लेने की धमकी देता था। कई बार उससे बहस हो चुकी थी। पुलिस के लोगों ने ही मुझे खबर दी थी कि वह मेरा एनकाउंटर करना चाहता था। उसने कहा कि मेरे आदमियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा को मारा है।
अलग-अलग भागे सभी
विकास ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि कानपुर कांड के बाद उसने अपने गुर्गों को अलग-अलग इलाकों में भागने के लिए कहा था। इसके बाद जिसे जिधर समझ में आया, वह उधर ही भाग गया। विकास के पास पुलिस में मौजूद उसके लोगों ने सूचना पहुंचाई थी कि पुलिस सुबह में रेड डालेगी लेकिन पुलिस रात में ही पहुंच गई थी। इसलिए ये कांड हो गया।
सूत्रों की माने तो विकास दुबे उज्जैन आने से पहले दो दिन तक नोएडा में भी रुका था। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। नोएडा से निकलने के बाद वह कोटा पहुंच गया था, वहां से सड़क मार्ग से उज्जैन पहुंचा।