विदेश

आटा-चीनी के दाम ने इमरान के उड़ाए होश

इस्‍लामाबाद
आम जनता के जीवन स्‍तर को सुधारने का वादा करके सत्‍ता में पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के इन दिनों होश उड़े हुए हैं। देश में आटे की भारी किल्‍लत के बीच अब पाकिस्‍तान में चीनी की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं। रोजमर्रा की जिंदगी के लिए बेहद जरूरी आटे और चीनी की बढ़ती कीमतों के बाद अब इमरान खान को हस्‍तक्षेप करना पड़ा है। इमरान खान ने आटे और चीनी के बढ़ते दामों की जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के न‍िर्देश द‍िए हैं।

इमरान ने ट्वीट कर कहा कि वह जनता की तकलीफों को समझ रहे हैं और मंगलगवार को कैबिनेट की बैठक में खाद्य पदार्थों के दाम कम करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने आटे और चीनी की कीमतों की जांच के लिए जांच शुरू कर दी है। मैं देश को आश्‍वासन देता हूं कि जो लोग भी इसके लिए जिम्‍मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और दंड लगाया जाएगा।

100 क‍िलो तक पहुंच सकती है चीनी
दरअसल, पाकिस्‍तान में आटे की गंभीर किल्‍लत के बाद अब चीनी का भी संकट हो गया है। आलम यह है कि पाकिस्‍तान में एक सामान्‍य रोटी की कीमत 12 से 15 रुपये पड़ रही है। इमरान सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में चीनी की थोक कीमत अब 74 रुपये किलो हो गई है। देश में चीनी की भारी हो गई जिससे दाम लगातार बढ़ रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक अगले हफ्ते तक चीनी का थोक मूल्‍य 80 रुपये प्रति किलो हो जाएगा।

चीनी के बढ़ते दामों के बावजूद इमरान सरकार ने अभी तक इसके निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। कहा जा रहा है कि अगर चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो इसके दाम 100 प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं। इससे पहले परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान पाकिस्‍तान में चीनी की कीमतें 105 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गई थीं।

तीन लाख टन गेहूं का आयात
चीनी का यह संकट ऐसे समय पर उत्‍पन्‍न हुआ है जब पाकिस्‍तान आटे के गंभीर संकट से जूझ रहा है। पाकिस्‍तान के बड़े शहरों कराची, हैदराबाद और लाहौर में आटे की कीमतें 70 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। आटे और चीनी की बढ़ती कीमतों के बीच अब पाकिस्‍तान में अब गैस की कीमतों में भी 5 प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है। आटे के संकट से निपटने के लिए पाकिस्‍तान सरकार तीन लाख टन गेहूं का आयात करने जा रही है।

पाकिस्‍तान में आटे के संकट की शुरुआत पिछले महीने खैबर पख्‍तुनख्‍वा प्रांत और सिंध से उस समय हुई जब ट्रांसपोर्टर पेट्रोल की कीमतें बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए हड़ताल पर चले गए। इससे सिंध में आटे की सप्‍ताइ रुक गई। इसके अलावा कराची तथा पंजाब के बीच आटे को ले जाने पर रोक लगा दिया गया जिससे आटे के दाम बढ़ गए। इस बीच खाद्य पदार्थों की कीमतों को बढ़ने से रोकने में अक्षम इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तानी तहरीक-ए-इंसाफ ने आरोप लगाया है कि विपक्षी पाकिस्‍तान पीपल्‍स पार्टी जानबूझकर सिंध प्रांत में आटे का संकट पैदा कर रही है ताकि इमरान सरकार को बदनाम किया जा सके।

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