भोपाल
रेल्वे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी ने ई-टिकटों के जनरेट करने पर यूजरों से सर्विस चार्ज वसूलने के आदेश आज से लागू कर दिए हैं। इसके मुताबिक अब नॉन एसी पर 15 रुपये और एसी पर30 रुपये सर्विस चार्ज के साथ जीएसटी अलग से देय होगा।
रेल्वे के भोपाल मंडल के मुताबिक अभी वर्तमान में 70 फीसदी टिकट आॅनलाइन ही जरनेट की जा रहीं हैं । जबकि 30 फीसदी टिकट ही पीआरएस (पैसेंजर रिर्जवेशन सिस्टम) काउंटर के जरिये बुक हो रहें हैं। भोपाल मंडल ने बताया कि भोपाल, हबीबगंज समेत अन्य स्थनों से करीब 5 पांच हजार रिजर्वेशन टिकट काउंटर के जरिए जनरेट हो रहे हैैं। शेष बांकी टिकट आॅनलाइन ही जनरेट हो रहे हैं । रेल्वे के अनुसार करीब लाखों यात्री रोजाना उक्त स्टेशनों से सफर करतें हैं। ऐसे में यह नियम के लागू होने के बाद भोपाल मंडल के करीब लाखों यात्रियों को अलग से सौ से डेढ़ सौ रुपये चुकाने होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह कदम डिजिटलाईजेशन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है?
किसी यात्री को भोपाल से चेन्नई जाना है तो उसे रेल्वे के वास्तविक किराए के साथ सर्विस चार्ज व अलग से जीएसटी अलग से चुकाना होगा। यानि नॉन एसीटिकट के जनरेट पर 15 रुपये और एसी पर 30 के साथ वास्तविक किराए का 18 फीसदी जीएसटी अलग से चुकाना होगा। ऐसे में रेल्वे के ई-टिकट जनरेट करने पर करीब 100 से 150 रुपये अलग से एक्सट्रा के तौर पर चुकाने होंगे ।
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय अपने नए मसौदे में रेल्वे के भोपाल समेत अन्य मंडलों के पीआरएस टिकट काउंटर आइआरसीटीसी के हवाले करने की तैयारियां कर रहा है। ऐसे में यह स्थिति आज ही निर्मित है तो कल टिकट काउंटर मिलने के बाद क्या स्थिति होगी समझ से परे है।