नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर पर को लेकर तनाव के बीच पाकिस्तान और भारत, सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को लेकर मसौदा समझौते और उसे चालू करने को लेकर तीसरे दौर की वार्ता आज बुधवार को अटारी में करेंगे। भारतीय अधिकारी करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक मसौदा समझौते में कुछ गैप को खत्म करने का प्रयास करेंगे, जब वे 4 सितंबर को अटारी में अपने पाकिस्तानी समकक्षों से मिलेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ उलझे वैचारिक मुद्दों को सुलझाने की कोशिश होगी। प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा मिलेगी। इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा। चार सितम्बर को यह बैठक वाघा सीमा के भारत की ओर अटारी सीमा पर आयोजित होगी। उम्मीद है कि उक्त बैठक में दोनों देशों के अधिकारी गलियारे को खोलने को लेकर मसौदा समझौते को अंतिम रूप देंगे।
करतारपुर पर भारत-पाक के बीच कल होगी उच्च स्तरीय वार्ता
विदेश कार्यालय के अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ''हमें उम्मीद है कि चार सितम्बर की बैठक में पाकिस्तान और भारत मसौदा समझौते और करतारपुर गलियारे को शुरू करने संबंधी उन मु्द्दों पर आम सहमति पर पहुंचेंगे जिन पर पिछली बैठक (14 जुलाई को) में सहमति नहीं बन पायी थी। यह बैठक भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा करतारपुर गलियारे पर बातचीत के चार दिन बाद होगी। यह भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच उत्पन्न ताजा तनाव के बाद होने वाली ऐसी पहली बैठक थी।
'सरकार करतारपुर गलियारे का काम समय पर पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध'
शुक्रवार को आयोजित बैठक करीब दो घंटे चली थी जिसमें दोनों पक्षों ने प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर ''अच्छी प्रगति होने की बात कही है। चार सितंबर की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक और विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डा. मुहम्मद फैजल करेंगे।
समाचारपत्र के अनुसार, ''विचार-विमर्श सुबह 10 बजे शुरू होगा। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान प्रतिदिन 5,000 सिख श्रद्धालुओं को देश में आने की अनुमति देगा। 1947 में दोनों देशों की आजादी के बाद से यह गलियारा दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा-मुक्त गलियारा होगा। 14 जुलाई को वाघा सीमा पर दोनों देशों के बीच दूसरे दौर की वार्ता के बाद फैजल ने कहा था, ''एक सकारात्मक प्रगति हुई है और हम आगे बढ़े। दोनों देश करतारपुर गलियारे को लेकर 80 प्रतिशत सहमत हो गए हैं। हमारे बीच इस मामले को लेकर बाकी 20 प्रतिशत मुद्दों को सुलझाने के लिए दूसरी बैठक हो सकती है।
पाकिस्तान भारतीय सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से सीमा तक के दूसरे हिस्से का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा। भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल का निर्माण कर रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी तरफ इसी तरह का एक पुल बनाने का आग्रह किया है जो तीर्थयात्रियों को सुरक्षित आवाजाही प्रदान करेगा और बाढ़ से संबंधित चिंताओं को दूर करेगा। यह पुल एक नाले के ऊपर है, जिसका अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है।
करतारपुर गलियारा को लेकर सड़क और पुल पर पाकिस्तान से बातचीत
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। कश्मीर को लेकर भारत के कदम के बाद पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंध कमतर करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। पाकिस्तान ने कई बार कहा है कि गलियारे को खोला जाना भारत के साथ वर्तमान तनाव से प्रभावित नहीं होगा।