लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार इस बार छोटे से अनुपूरक बजट के जरिए केवल बेहद जरूरी योजनाओं के लिए पैसे का इंतजाम करेगी। इसमें राजकीय मेडिकल कालेज, अटल आवासीय विद्यालय, डिफेंस एक्सपो, गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, तलाक शुदा व परित्यक्त महिलाओं के लिए पेंशन, अयोध्या विकास व पावर प्रोजेक्ट्स के लिए थोड़ी- थोड़ी रकम का बंदोबस्त होगा।
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना मंगलवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करेंगे। यह 2019-20 का दूसरा अनुपूरक बजट होगा। इसके जरिए तीन मदों में निकाली गई आकस्मिकता निधि की प्रतिपूर्ति के लिए भी रकम रखी जाएगी। अनुपूरक बजट में 15 करोड़ की लागत से लखनऊ में शहीद पथ के किनारे भूगर्भ जल भवन बनाने का प्रस्ताव है। सेमी हाईस्पीड रेल कोरीडोर के लिए 150 करोड़ रुपये भी यूपीडा ने मांगे हैं। तत्कालीन वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने इसी 23 जुलाई को 13594.87 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया था।
सेमी हाईस्पीड रेल कारीडोर को मिलेगी रफ्तार
प्रदेश सरकार सेमी हाईस्पीड रेल कारीडोर को रफ़्तार देने की तैयारी है। इसके लिए यूपीडा ने 150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अनुपूरक बजट के लिए भेजा है। यह कॉरीडोर वाराणसी से आगरा तक बनेगा। इस पर केवल यात्री ट्रेन ही चलेंगी। प्रदेश सरकार इसके लिए राईटस से डीपीआर बनवाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू कराने के लिए निर्देश दे चुके हैं।
इसके अलावा यूपीडा ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक की सुरक्षा, पुलिस चौकी भवन निर्माण के लिए 21.80 करोड़ रुपये और यात्री सुविधा के लिए 80.89 करोड़ मांगे हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 964 करोड़ और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 886 करोड़ रुपये मांगे गए हैं।
अपेक्षाकृत कम वसूली के कारण काफी छोटा रहेगा अनुपूरक बजट
सूत्रों के मुताबिक इस बार राजस्व वसूली का टारगेट लक्ष्य से कम है। विभिन्न कारणों से विभिन्न विभागों की आमदनी में कमी आई है। पैसे का टोटा है। इस कारण सरकार पर दबाव है कि वह केवल जरूरी मदों के लिए पैसा दे और बाकी प्रस्ताव वापस कर दे। माना जा रहा है कि जिन प्रस्तावों को वापस किया जाएगा उनके लिए अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट की व्यवस्था होगी। वैसे भी कई विभाग मूल बजट व पहले अनुपूरक बजट में मिली रकम को पूरा खर्च भी नहीं कर पाए हैं। विपक्ष इसे भी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं।