नई दिल्ली
निर्भया के गुनहगारों को कल सुबह फांसी होगी या नहीं? इस पर आज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. दरअसल, निर्भया के एक दोषी पवन कुमार ने फांसी से तीन दिन पहले यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की. इस याचिका पर आज सुनवाई होगी.
इसके साथ ही चारों दोषियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति जानने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को निर्देश देने की मांग को लेकर शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई. इस पर भी आज सुनवाई हो सकती है.
डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के अलावा आज पटियाला हाउस कोर्ट में भी निर्भया के दोषियों की अर्जी पर सुनवाई होगी. दरअसल, निर्भया के दोषी अक्षय और पवन ने कोर्ट में भी अर्जी लगाई, जिसमें डेथ वारंट पर रोक की मांग की गई है. कोर्ट में निर्भया के दोषी पवन ने दलील दी कि उसने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन लगाई है. लिहाजा उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए.
पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस एन. वी. रमन्ना की अगुवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच चैंबर में करेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट निर्भया के तीन दोषियों यानी अक्षय, विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है.
फैसले में गलतियों की दलील
निर्भया के दोषी पवन कुमार के वकील एपी सिंह ने कहा कि अपराध के समय वह किशोर था और मौत की सजा उसे नहीं दी जानी चाहिए. पहले के फैसलों में कई गलतियां रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि इन गलतियों को इस क्यूरेटिव याचिका के माध्यम से संशोधित किया जाएगा.
पवन के पास ही बचे हैं विकल्प
पवन कुमार ही एक मात्र दोषी है, जिसके पास अभी कुछ कानूनी विकल्प बचे हुए है, इसमें क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका शामिल है. पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि हमारा मुख्य तर्क यह है कि अपराध के समय पवन एक संगीत कार्यक्रम में थे.
3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी
निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने दो बार डेथ वारंट जारी किया था, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण दोनों बार डेथ वारंट कैंसिल कर दिया गया है. तीसरे डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया के चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दिया जाना है.