भुवनेश्वर
असम में एनआरसी लागू होने के बाद जहां देश के कई राज्यों में इसे लागू करने की मांग उठ रही है, वहीं अब आरएसएस ने भी इस मांग का पुरजोर समर्थन किया है। संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने कहा कि असम की तरह पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ उन्होंने अयोध्या मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद जताई। भैय्याजी ने संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के आखरी दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। 16 से 18 अक्टूबर तक चली इस बैठक में संघ के प्रांत स्तर के करीब 400 प्रचारकों ने हिस्सा लिया।
सरकार्यवाह ने कहा, 'किसी भी सरकार का कार्य है कि देश में घुसपैठियों की पहचान करे और नीति बनाकर उसके आधार पर उचित कार्रवाई करे। अभी तक यह प्रयोग केवल असम में हुआ है। इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए।' उन्होंने राम मंदिर के निर्माण को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, 'हमारा मानना रहा है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की बाधाएं समाप्त हों। अब जब इस मामले को लेकर न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है और आशा करते हैं कि निर्णय हिन्दुओं के पक्ष में आएगा।'
न्यायालय से बाहर इस मामले को सुलझाने को लेकर चल रहे प्रयासों पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो भारत की प्रतिष्ठा विश्व में बढ़ी होती। उन्होंने कहा, 'हमने भी इन प्रयासों का स्वागत किया था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और न्यायालय में मामला लंबे समय तक चला। अब कानूनी सुनवाई पूरी हो गई है, अब सबको निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए।'
समान आचार संहिता के सवाल पर उन्होंने कहा, 'यह मांग काफी पुरानी है। संविधान निर्माण के समय ही इसका फैसला हो जाना चाहिए था। यह सभी के हित में है और किसी भी देश में उसके नागरिकों के लिए एक समान कानून होना चाहिए।' कश्मीरी पंडितों की वापसी के संबंध में भय्याजी ने कहा, 'सुरक्षा कारणों से उन्हें अपने घरों से पलायन करना पड़ा था। हम चाहते हैं कि कश्मीर में सुरक्षा का पुन: वातावरण बने, ताकि कश्मीरी हिन्दू समाज की उनके अपने घरों में वापसी हो सके।'
भैय्याजी ने बंगाल में हुई हिंसा की घटना पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि 'किसी भी सरकार का दायित्व है कि वह नागरिकों की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वामपंथी शासनकाल में विरोधी विचारधारा के प्रति प्रारम्भ हिंसा का चक्र वर्तमान सरकार के बाद भी अबाध गति से चल रहा है।'
इस मौके पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार और सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर मौजूद रहे। इस दौरान देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के साथ संघ ने अपने अनुषांगिक संगठनों के कार्य की समीक्षा करने के साथ कार्यकर्ताओं की क्षमता संवर्धन पर रणनीति बनाई।