लखनऊ
अयोध्या फैसले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हम रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़कर मूर्ति रखी गई थी और मस्जिद के अंदर मूर्ति रखना एक जुर्म है.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मस्जिद को शहीद करने वाले लोग मुजरिम है और जो यह फैसला आया है यह हमारी समझ में नहीं आ रहा है, इसलिए हम दोबारा रिव्यू पिटीशन डालेंगे. हमारी रिव्यू पिटीशन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है
सुन्नी वक्फ बोर्ड को हक नहीं
अरशद मदनी ने आगे कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को दोबारा रिव्यू पिटीशन में जाने का कोई हक नहीं है, क्योंकि उन्होंने पहले ही नहीं जाने का फैसला कर लिया. हमारे मजहबी फर्ज हैं. हम जाएंगे बाकी फैसला जो कुछ भी हो. उसका सम्मान करेंगे. हमारी तैयारी सीनियर वकील राजीव धवन ने कर ली है. हम दो-चार दिन के अंदर रिव्यू पिटीशन फाइल कर देंगे.
इससे पहले पिछले दिनों ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा था, हम जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर हमारी पिटीशन 100 प्रतिशत खारिज हो जाएगी. लेकिन हमें रिव्यू पिटीशन डालनी चाहिए. यह हमारा अधिकार है.