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अयोध्या फैसले पर बोले सीएम योगी- नहीं बर्दाश्त होगा किसी का भी भड़काऊ बयान

 लखनऊ                      
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर पर फैसला आने वाला है। इस मुद्दे पर जो भी फैसला आए, उसे लेकर कोई भी सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए। भड़कीले बयान किसी भी स्तर पर नहीं होने चाहिए। इसके लिए सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखनी होगी। 

वह शनिवार को देर रात अपने सरकारी आवास पर उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए सभी जिलों के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दे रहे थे। उन्होंने सभी जिलों के डीएम और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रमुख संगठनों, धर्म गुरुओं और नेताओं की सुरक्षा को लेकर समीक्षा जरूर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दीपोत्सव के दृष्टिगत सीमावर्ती क्षेत्रों में निरंतर निगरानी होनी चाहिए। नेपाल में मुस्लिम मुक्ति मोर्चा की गतिविधियां संदिग्ध हैं। बार्डर से सटे जनपदों के अधिकारी सतर्क रहें। एसएसबी के साथ भी बेहतर तालमेल बनाएं। सीमावर्ती नेपाली प्रशासन से भी संवाद कायम करें। उनसे सूचनाएं हासिल करें, जिससे अराजक तत्वों के मंसूबे विफल किए जा सकें। बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली के बार्डर वाले जिलों के अधिकारी भी सतर्क रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1990 से लेकर 2018 के बीच आतंकी घटनाओं में लिप्त रहने वाले या फिर परोक्ष-अपरोक्ष रूप से आतंकी घटनाओं से जुड़े रहने वाले व्यक्तियों का सोशल मीडिया चेक करें। अगर वे जेल से बाहर हैं तो उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेंजे। पुलिस के अधिकारी थाने में न बैठें बल्कि अपराधियों के दरवाजे खटखटाए, जिससे उनके मन में खौफ हो। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अवैध बूचड़खाने पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं लेकिन कई जिलों में शिकायतें मिल रही हैं। अवैध बूचड़खाने का मतलब बड़े स्लाटर हाउस ही नहीं बल्कि बाजारों में सड़क किनारे खुलेआम कट रहे मुर्गा और बकरे की दुकानों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। अगर सड़क किनारे खुलेआम मुर्गा व बकरा कटने की दुकानें दिखीं तो संबंधित जिले के डीएम और एसपी की सामूहिक जिम्मेदारी तय होगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सड़कों और खेतों में गोवंश बिल्कुल न जाए, नहीं तो संबंधित जिलाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। महाराजगंज में सरकार ने कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ डीएम और एसपी ही जिम्मेदार नहीं होंगे बल्कि संबंधित मंडल के मंडलायुक्त, आईजी व डीआईजी की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल के हाथ में मोबाइल की बजाए डंडा होना चाहिए। कई बार देखने को मिला है कि ड्यूटी के दौरान कांस्टेबल मोबाइल पर सोशल मीडिया में व्यस्त रहता है। हर कांस्टेबल के हाथ में डंडा अनिवार्य रूप से होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो कांस्टेबल के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। 

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