नई दिल्ली
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं में से एक लाल कृष्ण आडवाणी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बेहद खुशी जाहिर की है। उन्होंने ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा अयोध्या मामले पर दिए गए फैसले का स्वागत करने में मैं भी देशवासियों के साथ हूं।' उन्होंने कहा, मैं अपने आप को धन्य महसूस करता हूं।
उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम के लिए एक भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए, सर्वसम्मति से फैसला दिया है।' आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन में अपने होने का जिक्र करते हुए कहा कि पल के लिए पूर्णता का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बेहद बड़ी बात है कि ईश्वर ने उन्हें इस आंदोलन से जुड़ने का मौका दिया। आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन को आजाद भारत का सबसे बड़ा आंदोलन बताया।
उन्होंने आगे कहा कि अब क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है, तो ऐसे में अब समय आ गया है कि हम सब सभी विवादों और कटुता को पीछे छोड़ दें। सद्भाव और शांति को गले लगाएं।
बता दें कि वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई, 40 दिन तक लगातार मैराथन सुनवाई के बाद आज अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया। निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना।
आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने साथ में यह भी आदेश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं और 5 एकड़ जमीन दी जाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाए। इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने को कहा है।