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अयोध्या पर मुस्लिम संगठनों में क्रेडिट वॉर, कौन उठा रहा है वकीलों का खर्च?

 
नई दिल्ली 

अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राममंदिर विवाद केस की रोजाना सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. माना जा रहा है कि फैसला जल्द आ सकता है. हालांकि फैसला आने से पहले ही देश के दो बड़े मुस्लिम संगठन आमने-सामने हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मौलाना अरशद मदनी की जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बीच अयोध्या मामले का क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से यह बताने की लगातार कोशिश की जाती रही है कि केस का पूरा खर्च मौलाना अरशद मदनी की ओर से किया जा रहा है. ये बात अलग है कि अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों के सबसे बड़े वकील राजीव धवन एक भी पैसा फीस नहीं रहे हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि बाकी वकीलों को चेक से फीस दी जा रही है.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैय्यद कासिम रसूल इलियास का पत्र सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. पत्र में कहा गया है कि उर्दू के कुछ अखबारों के जरिए मौलाना अरशद मदनी और उनके लोग अयोध्या मामले को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वो अच्छा खासा पैसा भी खर्च कर रहे हैं.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. संघ प्रमुख से मुलाकात के दूसरे दिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मौलाना अरशद मदनी का नाम लिए बगैर बड़ा हमला बोला और कहा कि ऐसे शातिर लोगों से मुस्लिम समुदाय को सावधान रहने की जरूरत है. इसके बाद यह बात साफ हो गई कि जमीयत और बोर्ड के बीच रिश्ते बेहतर नहीं रह गए.

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