पेरिस/बीजिंग
चीन में फैले खतरनाक करॉना वायरस ने अब धीरे-धीरे दूसरे मुल्कों को भी अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है। भारत, थाईलैंड, अमेरिका, ताइवान, जापान, वियतनाम, सिंगापुर के बाद अब करॉना ने यूरोप में भी दस्तक दे दी है। फ्रांस में करॉना वायरस से संक्रमित तीन मामलों की पुष्टि हुई है। चीन में इस वायरस की वजह से 41 लोगों की जान जा चुकी है और 800 मरीज इससे संक्रमित हैं।
फ्रांस की स्वास्थ्य मंत्री एग्नेस बुजिन ने बताया कि पहला मामला साउथवेस्टर्न सिटी में पाया गया, वहीं दूसरा केस पेरिस में मिला। करॉना वायरस से संक्रमित तीसरा शख्स पीड़ितों का एक रिश्तेदार है। उन्होंने कहा, 'ये तीनों चीन से लौटे हैं और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। एग्नेस ने कहा कि यूरोप में पहली बार करॉना वायरस के ये मामले सामने आए हैं। हम जानते हैं कि जब इन मरीजों ने फ्रांस की धरती पर कदम रखे तो जरूर कई लोगों से मिले होंगे। हमलोग उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।'
'जल्द ढूंढ लेंगे इलाज'
एग्नेस ने बताया कि आग की तरह ही संक्रामक बीमारी का जल्द इलाज करना पड़ता है और जितना जल्द हो उसका स्रोत ढूंढना जरूरी है। मरीजों का इलाज जारी है और हमलोग करॉना का सटीक इलाज अवश्य ढूंग लेंगे। पहला मरीज 22 जनवरी को चीन के वुहान से लौटा है। चीन का यह इलाका करॉना से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
भारत में सैकड़ों की जांच, 12 अस्पताल में भर्ती
इधर, करॉना वायरस के खौफ को देखते हुए भारत में भी सैकड़ों लोगों की जांच के बाद 12 लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इनमें से सबसे ज्यादा 7 मरीज केरल में हैं। 3 मुंबई और हैदराबाद, बेंगलुरु में 1-1 मरीज हैं। ये लोग हाल ही में चीन और हॉन्ग कॉन्ग से लौटे हैं। इसके अलावा 100 से अधिक लोगों पर उनके घर में ही नजर रखी जा रही है।
करॉना वायरस का खौफ
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक अलग-अलग देशों से आ रहे 96 विमानों के यात्रियों की जांच की गई है। इन विमानों में सवार सभी 20 हजार 844 यात्री करॉना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं।
चीन में 13 शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ब्रेक
बता दें कि चीन में करॉना वायरस से फैले इन्फेक्शन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। हुबेई प्रांत के हुआगांग, एझाओ, चीबी, शिआताओ, झिजियांग, छिनजिआंग, लिचुआन और वुहान समेत 13 शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोक दिया गया है। इससे करीब 4 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने-जाने पर रोक लग गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि देश के 20 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में कुल 1072 संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
मरीजों का दबाब, बन रहा नया अस्पताल
चीन के अस्पतालों में मरीजों के दबाव को देखते हुए 10 दिन के अंदर एक नया अस्पताल बनाने पर काम शुरू कर दिया गया है। 1000 बिस्तरों वाला अस्पताल 25000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 3 फरवरी तक इस अस्पताल के काम शुरू करने की उम्मीद है। बता दें कि इससे पहले 2003 में चीन में सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) फैलने पर हफ्ते भर के अंदर एक अस्पताल तैयार किया गया था। सार्स के चलते चीन में 349 लोग और हॉन्ग कॉन्ग में 299 लोग मारे गए थे।
क्या है करॉना वायरस?
आपको बता दें कि करॉना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, जो सामान्य जुकाम से लेकर श्वास तंत्र की गंभीर समस्या तक पैदा कर सकता है। करॉना वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति में बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, हांफना जैसे लक्षण नजर आते हैं। करॉना वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। इस विषाणु से होने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन का भी ईजाद नहीं हुआ है।