रायपुर
सड़क पर घूमते बेसहारा मवेशी रायपुर नगर निगम (Raipur Nagar Nigam) के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं. जब इनसे पशुपालकों (Cattle Ranchers) को कोई फायदा नहीं मिलता, तब वे इन्हें ऐसे ही बेसहारा छोड़ देते हैं. इसके बाद ये मवेशी सड़कों पर ही डेरा जमा लेते हैं. इसके चलते आए दिन हादसे (Raod Accident) हो रहे हैं, जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस परेशानी को दूर करने नगर निगम ने एक नया प्लान तैयार किया है. अब इन मवेशियों के कान में पहचान के लिए आईडी नंबर (ID Number) लगाया जाएगा. राजधानी रायपुर की सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को भी अब यूनिक आईडी नंबर (Unique ID Number) मिलने वाली है.
नगर निगम प्रशासन ने ऐसे मवेशियों पर नजर रखने के लिए उनके कान में टैग लगाने का फैसला लिया है, जिसमें मवेशियों का आईडी नंबर होगा. इसमें मालिक का नाम और पता भी दर्ज रहेगा. टैग के बिल्ले में मवेशी के साथ ही उसके मालिक की भी जानकारी रहेगी. ऐसे में निगम प्रशासन मवेशियों के मालिकों के खिलाफ आसानी से कार्रवाई कर सकेंगे. निगम प्रशासन ने पशु पालकों की मौजूदगी में फैसला लिया है कि अगर सड़कों पर मवेशी घूमते पाए गए तो 500 रुपए फाइन वसूली जाएगी. इस मसले पर महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि मवेशी मालिकों को समझाया गया है और उनसे सुझाव भी लिया गया है. मवेशियों की जीयो टैगिंग की जाएगी, इससे उनकी पहचान आसान होगी.
नगर निगम ने आवारा मवेशियों को लेकर अभियान छेड़ रखा है, जिसमें रोजाना उनकी धरपकड़ की जा रही है. सच्चाई यह भी है कि अगर पशु पालकों को महंगे दामों में चारा मिलेगा तो उनके लिए भी मवेशियों को पालना मुश्किल होगा. निगम महापौर और अधिकारियों से हुई बातचीत में जुर्माने को लेकर पशुपालकों ने नाराज़गी जाहिर की है. मवेशी मालिकों का कहना है कि पशुओं का चारा और भूसा महंगा हो गया है. शहर में मवेशियों को खिलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं मिल रहा है. इसलिए भूसे पर सब्सिडी दिलाने की मांग पशु पालक कर रहे है और निगम के रवैये को लेकर भी गहरी नाराज़गी जाहिर की है.