नई दिल्ली
नए ट्रैफिक नियमों के लागू होने के दो हफ्ते बाद भी दिल्ली सरकार ने इस बारे में अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। सरकार और पुलिस के बीच समन्वय की कमी के कारण सभी चालान कोर्ट पहुंच रहे हैं। इसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर ट्रैफिक पुलिस, कानूनविदों व अन्य सिविक एजेंसियों की राय लेने के बाद अधिसूचना जारी करने की बात कर रही है। दिल्ली में यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर प्रतिदिन करीब पांच हजार चालान काटे जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस मौके पर चालान नहीं ले रही। इस कारण सभी चालान कोर्ट पहुंच रहे हैं। अगर, अधिसूचना जारी हो जाए तो ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के पास मौके पर चालान राशि लेने का अधिकार आ जाएगा। ऐसा न होने से वर्चुअल कोर्ट में चालान की वही राशि भरनी पड़ती है।
पुलिस वर्चुअल कोर्ट का लिंक भेज रही
मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव के बाद यातायात पुलिस ने चालान भुगतान के लिए वर्चुअल कोर्ट का सहारा लिया है। पुलिस सीधे नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के मोबाइल फोन पर संदेश भेज वर्चुलअल कोर्ट का लिंक भेज देती है। इस लिंक को खोलने के बाद आरोपी व्यक्ति अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से चालान रकम का भुगतान कर सकता है। पिछले 14 दिनों में लोगों में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से बड़ी रकम का चालान भरा है। जानकारों के अनुसार वर्चुअल अदालत से लोगों को अदालत के चक्कर लगाने से राहत मिल रही है।
सभी जिला अदालतों में लगी लोक अदालत : दिल्ली में मोटन वाहन अधिनियम में बदलाव के बाद शनिवार को पहली विशेष लोक अदालत लगी। यह अदालत खासतौर पर यातायात चालान भुगतान को लेकर लगाई गई थी। क्योंकि पिछले 14 दिन में बड़ी संख्या में मोटी रकम के चालान हुए हैं। दिल्ली की सभी जिला अदालतों में लगी यह विशेष अदालत यातायात चालान भुगतान के हिसाब से सफल रही।
आपसी सहमति से बड़ी संख्या में चालान रकम का भुगतान किया गया। अधिकांश लोग अदालत में यातायात नियमों के उल्लंघन के एवज में चालान रकम के भुगतान से संतुष्ट नजर आए। हालांकि, यातायात नियम उल्लंघन से संबंधित चालान को लेकर बहुत ज्यादा संख्या में लोग अदालत नहीं पहुंचे थे। लेकिन, जो भी इस विशेष राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचा उसको वहां से राहत मिली। दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में लगी इस विशेष अदालत में लोगों को 50 से 70 फीसदी तक की राहत मिली। इसके लिए उन्हें ज्यादा समय का इंतजार भी नहीं करना पड़ा।
यातायात नियम से संबंधित अदालतों में न्यायिक अधिकारियों ने नियमों की उल्लंघन की गंभीरता की श्रेणी को देखते हुए अपनी तरफ से ही राहत रकम निर्धारित की। इसके अलावा पारिवारिक विवाद, बैंक रिकवरी, बिजली चोरी, उपभोक्ता विवाद आदि को लेकर भी इस विशेष लोक अदालत में मामलों का निपटारा हुआ।
युवती को अनजाने में हुई गलती पर राहत मिली
कृष्णा नगर निवासी एक युवती शनिवार को पटियाला हाउस अदालत चालान का भुगतान करने पहुंची। उसने बताया कि बाराखंबा रोड पर अनजाने में गलत लेन में स्कूटी मोड़ने पर पुलिसकर्मियों ने उसका 22 सौ रुपये का चालान कर दिया। अदालत ने युवती की पहली गलती वह भी अनजाने में होने को आधार बनाते हुए चालान रकम पांच सौ रुपये कर दी।
55 सौ रुपये का चालान 15 सौ में निपटा दिया
पटियाला हाउस अदालत में चालान भरने पहुंचे हरीश सैनी ने बताया कि पिछले हफ्ते वह स्कूटी से जा रहे थे। कनॉट प्लेस के सर्कल में उन्हें पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। दस्तावेजों की जांच के बाद उनके पास प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (पीयूसी) की वैधता खत्म होने पर उनका 55 सौ रुपये का चालान कर दिया गया। शनिवार को लोक अदालत में पहुंचने पर यही चालान रकम 15 सौ रुपये कर दी गई। इसे उन्होंने खुशी-खुशी भर दिया।
दस्तावेज घर भूले, सात हजार का चालान हुआ
पूर्वी दिल्ली में रहने वाले संदीप 5 सितंबर को किसी काम से बाइक से नई दिल्ली इलाके में आए थे। यहां यातायात पुलिस ने रोका, तो पाया कि उनके पास वास्तविक दस्तावेज नहीं हैं। हालांकि कुछ पेपर की फोटोकॉपी थी। पुलिस ने उनका सात हजार रुपये का चालान किया। शनिवार को लोक अदालत में संदीप अपनी बाइक के दस्तावेज लेकर पहुंचे। अदालत ने दस्तावेजों की जांच के बाद संदीप का सात हजार रुपये का चालान महज एक हजार रुपये कर दिया।