मध्य प्रदेश

अबु सलेम की प्रेमिका मोनिका बेदी के फर्जी पासपोर्ट मामले में सुनवाई 19 सितंबर को

जबलपुर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश 12 साल बाद हाईकोर्ट में लंबित अंडर वर्ल्ड के सरगना अबु सलेम की प्रेमिका मोनिका बेदी उर्फ फौजिया उसमान के फर्जी पासपोर्ट मामले में सुनवाई 19 सितंबर को होगी। जबलपर हाईकोर्ट ने इस मामले में तेजी लाते हुए गुरुवार को राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में ट्रायल कोर्ट से जुडेÞ सभी रिकार्ड अगली सुनवाई के दौरान अनिवार्य रूप से पेश किएं  जाएं। आपको को बता दें कि जस्टिस विष्णु प्रताप सिंह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की है।

गौरतलब है कि फर्जी पासपोर्ट मामले में भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में मोनिका पर आरोप लगा था कि उसने खुद को अबु सलेम की बताकर फौजिया उसमान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। भोपाल की कोर्ट ने इस मामले पर 16 जुलाई 2017 को बरी कर दिया था।

मोनिका ने हाईकोर्ट में पासपोर्ट जारी करने की अवधि बढाÞए जाने की मांग की थी।  जिसमें उसने माता-पिता को नार्वे में रहन की दलीलें दी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने 16 जुलाई 2018 को इस मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि यह फर्जीबाड़े से जुड़ा मामला है। इसमें फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर पासपोर्ट जारी कराया गया था। जानकारी के मुताबिक यह पिटीशन कोर्ट में 12 साल से लंबित है।

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अबु सलेम की प्रेमिका मोनिका बेदी के फर्जी पासपोर्ट मामले में सुनवाई 19 सितंबर को

जबलपुर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश 12 साल बाद हाईकोर्ट में लंबित अंडर वर्ल्ड के सरगना अबु सलेम की प्रेमिका मोनिका बेदी उर्फ फौजिया उसमान के फर्जी पासपोर्ट मामले में सुनवाई 19 सितंबर को होगी। जबलपर हाईकोर्ट ने इस मामले में तेजी लाते हुए गुरुवार को राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में ट्रायल कोर्ट से जुडेÞ सभी रिकार्ड अगली सुनवाई के दौरान अनिवार्य रूप से पेश किएं  जाएं। आपको को बता दें कि जस्टिस विष्णु प्रताप सिंह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की है।

गौरतलब है कि फर्जी पासपोर्ट मामले में भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में मोनिका पर आरोप लगा था कि उसने खुद को अबु सलेम की बताकर फौजिया उसमान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। भोपाल की कोर्ट ने इस मामले पर 16 जुलाई 2017 को बरी कर दिया था।

मोनिका ने हाईकोर्ट में पासपोर्ट जारी करने की अवधि बढाÞए जाने की मांग की थी।  जिसमें उसने माता-पिता को नार्वे में रहन की दलीलें दी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने 16 जुलाई 2018 को इस मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि यह फर्जीबाड़े से जुड़ा मामला है। इसमें फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर पासपोर्ट जारी कराया गया था। जानकारी के मुताबिक यह पिटीशन कोर्ट में 12 साल से लंबित है।

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