ऑकलैंड
नवदीप सैनी और रविंद्र जडेजा ने आठवें विकेट के लिए 76 रनों की साझेदारी कर भारत को न्यू जीलैंड के खिलाफ जीत के करीब पहुंचा ही दिया था, लेकिन फिर सैनी एक बड़ा शॉट मारने के प्रयास में बोल्ड हो गए। सैनी ने हालांकि 49 गेंदों पर 45 रन बनाए। उनकी पारी हालांकि मैच विजयी पारी साबित नहीं हो सकी और भारत को 22 रनों से हार मिली। मैच के बाद सैनी ने कहा, ‘मैं जब अपने आउट होने का विडियो देखूंगा तो बड़ा पछताऊंगा। अगर मैं आउट नहीं हुआ होता तो शायद परिणाम कुछ और होता। मैं मैच को इतने पास ले गया हो सकता है कि और पास ले जाता। इस बात को लेकर पछताऊंगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें लगा था कि विकेट फ्लैट है और अगर हम आखिर तक टिके रहे तो मैच करीबी हो जाएगा। इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा रन करने की कोशिश कर रहे थे और मैच को अंत तक ले जाना चाहते थे। जडेजा ने कहा था कि अगर मारने वाली गेंद मिले तो मारना, नहीं तो एक-दो रन लेना। धैर्य के साथ खेलना। हम मैच को आखिरी तक ले जा सकते हैं।’
इस मैच में भारत का शीर्ष क्रम विफल रहा था। पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल की सलामी जोड़ी टीम को मजबूत शुरुआत नहीं दे सकी। कप्तान विकाट कोहली, लोकेश राहुल, केदार जाधव सभी विफल रहे लेकिन अंत में जडेजा और सैनी ने मैच बनाया। सैनी ने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि हमारा निचला क्रम अच्छा कर रहा है। हर कोई अच्छा करता है तो यही टीम का संयुक्त प्रयास होता है। अगर बल्लेबाज रन नहीं कर पाए तो गेंदबाजों को किसी तरह भरपाई करनी चाहिए। अगर गेंदबाज विकेट नहीं ले पा रहे हैं तो फील्डरों को मदद करनी चाहिए, क्योंकि अंत में यह एक टीम है।’ सैनी ने कहा कि टीम के सपॉर्ट स्टाफ ने उनसे कहा कि उनमें काबिलियत है, इसलिए उन्हें अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि मैं लंबे समय बाद बल्लेबाजी करने जा रहा हूं। मैंने जैसा ही बाउंड्री मारी मैं हैरान रह गया। मुझे लगा कि गेंद मेरे बल्ले पर अच्छी तरह से आ रही है। सपॉर्ट स्टाफ में से रघु (थ्रो डाउन विशेषज्ञ) ने मेरी मदद की और वह मुझे अच्छी बल्लेबाजी के लिए हमेशा से प्रेरित करते रहते हैं। होटल में भी वह लगातार कहते रहते हैं कि मैं अच्छी बल्लेबाजी करता हूं।’