बैतूल
बैतूल के प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्र चोपना में किसानों (farmers) के साथ बड़ा धोखा (fraud) हुआ है. यहां के लगभग 250 से ज़्यादा किसानों ने दो बीज विक्रेता कम्पनियों (seed seller companies) से धान (Paddy) के जो बीज (Seeds) खरीदे थे वो अमानक निकले. इससे सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है. आलम ये है कि यहां किसानों ने धान के खेतों में अपने मवेशियों को चराई के लिए छोड़ दिया है. कर्ज लेकर फसल लगाने वाले किसानों के सामने अब कर्ज चुकाने तक की कोई व्यवस्था नहीं है.
बैतूल के चोपना में इन दिनों धान के खेतों में किसानों की जगह मवेशी नज़र आ रहे हैं. ये मवेशी यहां जबरदस्ती घुसकर धान की फसल मज़े से चट नहीं कर रहे बल्कि इनके मालिकों ने ही इन्हें खेतों में छोड़ दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 250 से ज्यादा किसानों ने धान के जो बीज रोपे थे वो फसल आने तक भूसे में तब्दील हो गए हैं. इनमे अनाज का एक दाना तक नहीं आया है.
सैकड़ों किसानों ने कर्ज लेकर बोवनी की थी लेकिन पूरी फसल खराब हो जाने से अपनी गुजर बसर करने से लेकर कर्ज चुकाने तक के लिए इनके पास कोई दूसरा जरिया नहीं है.
इस इलाके में दो कम्पनियों ने 'सुपर डुपर ब्रांड जे' नाम से धान का बीज बेचा था लेकिन इससे फसलों का जो हाल हुआ वो सुपर डुपर फ्लॉप निकला. अब कृषि विभाग ने अपने वैज्ञानिकों का एक जांच दल यहां भेजने का फैसला किया है. अमानक बीजों से केवल धान ही नहीं बल्कि इससे पहले मक्के की फसल भी बर्बाद हो चुकी है. लेकिन कृषि विभाग और जिला प्रशासन की सुस्त मॉनिटरिंग के चलते नकली या अमानक बीज बेचने वाली कम्पनियां किसानों को लूटकर मोटा मुनाफा कमा रही हैं.