छत्तीसगढ़

अनुसूचित क्षेत्रों की शालाओं में शिक्षकों की कमी दूर करें: श्री नंदकुमार साय

रायपुर

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री नंदकुमार साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में  राज्य स्तर पर अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। श्री साय ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को अनुसूचित क्षेत्रों में  शालाओं में  शिक्षकों की कमी दूर करने विशेषकर गणित, विज्ञान, अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश दिए।

    बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री हर्षल भाई बसावा, श्री हरिकृष्ण दामोर, सुश्री माया चिन्तामन, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के सचिव और संयुक्त सचिव के साथ ही राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, विभिन्न विभागों के सचिव और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
    बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में पेसा एक्ट के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। अनुसूचित क्षेत्रों में नौकरियों में  स्थानीय लोगों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया। श्री साय ने कहा कि अनुसूचित जनजाति विकास हेतु संचालित की रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने लघु वनोपज संग्राहकों, तेन्दूपत्ता संग्राहकों के समक्ष आने वाली समस्याओं विशेषकर बीमा संबंधी कठिनाईयों को दूर करने कहा। बैठक में ग्राम पंचायतों का नगर पंचायतों मंे परिवर्तन किए जाने के फलस्वरूप आरक्षण संबंधी कठिनाई पर ध्यान देने कहा।
    उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष, सदस्य, आयोग के सचिव, संयुक्त सचिव का दल 02 नवम्बर से 08 नवम्बर तक छत्तीसगढ़ राज्य के प्रवास पर रहा। उनके प्रवास के अंतिम दिन आज मंत्रालय में बैठक आयोजित कर जनजातियों के हितार्थ चलाए जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

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