मध्य प्रदेश

अतिथि विद्वानों ने भैंस के आगे बीन बजाकर किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

भोपाल
प्रदेशभर के अतिथि विद्वान (Guest Scholars) कड़ाके की ठंड के बावजूद राजधानी भोपाल (Bhopal) में डेरा डाले हुए हैं. अतिथि विद्वानों ने नियमितीकरण (Regularisation) की मांग को लेकर रविवार को अनोखा प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने भैंस के सामने बीन बजाकर प्रदर्शन किया और उनकी मांग न सुनने वाली सरकार (Kamalnath Government) को जगाने की कोशिश की. पैदल मार्च कर भोपाल पहुंचे अतिथि विद्वान भोपाल के शाहजहांनी पार्क में धरने पर बैठे हुए हैं. पिछले पांच दिनों से ये प्रदर्शनकारी नियमितीकरण की मांग को लेकर पार्क में डेरा डाले हैं.

अतिथि विद्वान सर्दी की परवाह न करते हुए पार्क में ही खुले पंडाल में रात गुजार रहे हैं. अपनी मांगें पूरी कराने को लेकर ये लोग पिछले चार दिनों से लगातार आमरण अनशन कर रहे हैं. लेकिन अब तक अतिथि विद्वानों की सरकार के किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली है. प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, धरना समाप्त नहीं होगा. उनका कहना है कि दो महीने पहले उच्च शिक्षा मंत्री ने जल्द ही मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. इसलिए अब नियमितीकरण की मांग पूरी ना होने पर अतिथि विद्वानों ने सड़क पर उतरने पर चेतावनी दी है.

अतिथि विद्वानों के लिए सरकार ने च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू की है. लेकिन इनका कहना है कि जब सहायक प्राध्यापकों की कॉलेजों में खाली पदों पर नियुक्ति की जा रही है, तो हमें बाहर का रास्ता क्यों दिखाया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अब तक 830 अतिथि विद्वानों को बाहर कर दिया गया है. ऐसे में अब अगर सरकार पीएससी परीक्षा में अनुभव के 20 अंक दे रही है, तो उसका मतलब नहीं है. क्योंकि आधे से ज्यादा अतिथि विद्वानों को काम करते-करते 20 से 25 साल का लंबा वक्त हो गया है. कुछ ओवरएज हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने विस्थापन नहीं, पुर्नवास की मांग की थी. जब तक नियमित करने की मांग पूरी नहीं हो जाती है, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

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