नई दिल्ली
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है. अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है. ये दिवाली से 8 दिन बाद पड़ती है. इस साल की अक्षय नवमी 5 नवंबर को है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है. इस दिन आंवले के पेड़ के अलावा भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. अक्षय नवमी के दिन स्नान, पूजा और दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.
क्या है अक्षय नवमी का महत्व?
– अक्षय नवमी का पर्व आंवले से सम्बन्ध रखता है.
– इसी दिन कृष्ण ने कंस का वध भी किया था और धर्म की स्थापना की थी.
– आंवले को अमरता का फल भी कहा जाता है.
– इस दिन आंवले का सेवन करने से और आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
– इस दिन आंवले के वृक्ष के पास विशेष तरह की पूजा उपासना भी की जाती है.
– इस बार अक्षय नवमी 05 नवम्बर को मनाई जायेगी.
कैसे करें आंवले के वृक्ष के निकट पूजा?
– प्रातः काल स्नान करके पूजा करने का संकल्प लें.
– प्रार्थना करें कि आंवले की पूजा से आपको सुख,समृद्धि और स्वास्थ्य का वरदान मिले.
– आंवले के वृक्ष के निकट पूर्व मुख होकर , उसमे जल डालें.
– वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें , और कपूर से आरती करें.
– वृक्ष के नीचे निर्धनों को भोजन कराएँ , स्वयं भी भोजन करें.