गंजम
ओडिशा के गंजम जिले के कड़ापाड़ा गांव की नायक कुमारी (63) को लोगों ने डायन करार दिया है। गांववालों से बचने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन घर की चारदीवारी के भीतर ही गुजारा है। उनके साथ ऐसा महज इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके हाथों में 12 और पैरों में 20 उंगलियां हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा आनुवंशिक गड़बड़ी की वजह से हुआ है।
अपनी हालत से परेशान कुमारी कहती हैं, 'मैं इसी तरह पैदा हुई थी, हम लोग गरीब थे इसलिए इसका इलाज नहीं करा पाए। मेरे आस-पड़ोस के लोग मानते हैं कि मैं डायन हूं और मुझसे दूर रहते हैं।' लोगों की नफरत भरी निगाहों से बचने के लिए कुमारी घर के भीतर ही रहती हैं।
अंधविश्वास से बढ़ी मुसीबतें
कुमारी के एक पड़ोसी ने हमदर्दी जताते हुए कहा, 'यह एक छोटा गांव है और लोग अंधविश्वासी हैं इसलिए उससे डायन की तरह बर्ताव करते हैं। यह उसकी बीमारी है जिसके बारे में वह कुछ कर नहीं सकती। वह इतनी गरीब है कि इलाज का खर्च तक नहीं उठा पाएगी।'
इसके लिए जीन्स में गड़बड़ी जिम्मेदार
सर्जिकल स्पेशलिस्ट डॉ. पिनाकी मोहंती का मानना है कि हाथों में एक या दो एक्स्ट्रा उंगली होना साधारण है, लेकिन दोनों हाथों में 12 और दोनों पैर के पंजों में 20 उंगलियां-अंगूठे होना वास्तव में दुर्लभ है। डॉ. मोहंती कहते हैं, 'यह पॉलीडेक्टाइली का केस है जिसमें जन्म से एक्स्ट्रा उंगलियां होती हैं। ऐसा हमारे जीन्स में बदलाव की वजह से होता है।'