बिलासपुर
छत्तीसगढ़ में एनजीओ (NGO) की आड़ में 1 हजार करोड़ के घोटाले (Fraud) मामले में एक बड़ी कार्रवाई हुई है. मामले में सीबीआई (CBI) की ओर से असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल बी.गोपा कुमार ने कोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा है कि दोषी IAS अधिकारियों पर एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है. उन्होंने कहा कि सीबीआई भोपाल में अज्ञात अधिकारियों पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद एफआईआर हुआ है. मालूम हो कि कुंदन सिंह ठाकुर की याचिका पर HC ने सभी दोषी IAS अधिकारियों पर एक सप्ताह में CBI को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. कुंदन ने वर्तमान और रिटायर्ड IAS अधिकारियों द्वारा फर्जी NGO की आड़ में करोड़ों के घोटाले के मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
बता दें कि प्रदेश के रिटायर्ड और वर्तमान IAS अधिकारियों द्वारा फर्जी NGO बनाकर कर्मचारियों के नाम से लाखों-करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच से एक बड़ा फैसला दिया था. कोर्ट ने इसमें 1 हजार करोड़ का घोटाला होना पाया. हाईकोर्ट ने सीबीआई को एक बड़ा आदेश देते कहा था कि एक सप्ताह के अंदर सभी दोषी IAS अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करें. उसके बाद 15 दिनों के भीतर मामले से संबंधित ओरिजनल दस्तावेजों को सीज करें. 30 अप्रैल की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरा होने के बाद हाईकोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने आदेश के फैसले को सुरक्षित रख लिया था.
मालूम हो कि रायपुर के कुशालपुर में रहने वाले कुंदन सिंह ठाकुर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में रिटायर्ड और वर्तमान आईएएस अफसरों ने 2004 में एक संस्था बनाई थी. राज्य श्रोत निशक्त जन संस्थान के नाम से बनी संस्था का माना में संचालित होना बताया गया था. कुंदन का आरोप था कि वर्तमान एवं रिटायर्ड IAS अधिकारियों ने उसके अलावा ऐसे कई कर्मचारियों के नाम पर हर महीने लाखों की सैलरी निकाल ली है, जो उन्हें पता भी नहीं है. इसके अलावा उपकरणों के मरम्मत के नाम पर भी पैसे निकाले गए है.