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 हथियार सप्लाई का सेफ कॉरिडोर है वेस्ट यूपी, सप्लायरों से जुड़े हैं खालिस्तानी आतंकियों के तार

 मेरठ                                                                                                                      
आतंकी संगठनों को हथियार सप्लाई के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कॉरीडोर सेफ जोन बन गया है। पूर्व में आईएस और खालिस्तानी आतंकियों को यहां से हथियार सप्लाई होते रहे हैं। सोमवार को दिल्ली में हुई एनआईए और सभी एटीएस प्रमुखों की बैठक में भी यह बात सामने आई।

सात अक्तूबर को गृह मंत्रालय ने एक अलर्ट जारी किया। इसमें बताया गया कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त होने के बाद सभी इस्लामिक आतंकी संगठन एक हो गए हैं और गोला-बारूद पाने के लिए खालिस्तानी आतंकियों से हाथ मिला लिया है। सोमवार को दिल्ली में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में भी यह बात सामने आई। बताया गया कि बांग्लादेश मुजाहिद्दीन समूह ने देश के कई राज्यों में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं।

हथियार खरीद के लिए खालिस्तानी आतंकियों के जरिये पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रूट का इस्तेमाल कर रहे हैं। वेस्ट यूपी में खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियां लगातार सक्रिय रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, वेस्ट में करीब 18 ठिकाने ऐसे हैं, जहां बड़ी संख्या में हथियार बनते हैं। खालिस्तानी आतंकी मेरठ, शामली, सहारनपुर के हथियार सप्लायरों से पहले ही संपर्क में हैं और हथियार खरीदकर नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।

दो अक्तूबर 2018 को शामली जिले में झिंझाना थाना क्षेत्र के कमालपुर चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकियों ने हथियार लूट लिए थे। इस मामले में केएलएफ के पांच संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार हुए थे। खुलासा हुआ कि इन्हें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री की हत्या करनी थी। इसके लिए असलाह इकट्ठा कर रहे थे। इस केस की जांच यूपी एटीएस कर रही है।

खालिस्तानियों को मेरठ से सप्लाई हुआ था गोला-बारूद:
करीब ढाई साल पहले पंजाब में अस्थिरता फैलाने के लिए आठ हिन्दू-सिख नेताओं की हत्या की गई। इसमें प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स का नाम सामने आया। खुलासा हुआ कि हत्या के लिए गोला-बारूद की सप्लाई मेरठ से हुई थी। एनआईए ने खालिस्तानियों को हथियार देने वाले मेरठ के सप्लायर परवेज उर्फ फरु, बिलौली गांव के पहाड़ सिंह और गाजियाबाद में नाहली गांव के मलूक को गिरफ्तार किया था।

आईएस मॉड्यूल ने मेरठ-हापुड़ से खरीदे थे हथियार:
26 दिसंबर 2018 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अमरोहा में आईएस के नए मॉड्यूल हरकत उल हर्ब-ए-इस्लाम का भंडाफोड़ करते हुए दस संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनसे भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ था। खुलासा हुआ कि इसकी सप्लाई मेरठ-हापुड़ से हुई थी। इस मामले में इन दोनों जिलों के तीन हथियार सप्लायर पकड़े गए थे।
 

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