मध्य प्रदेश

हंगामा करने माननीयों का भत्ता काटने की तैयारी

भोपाल
  विधानसभा में विधायकों के हंगामे पर लगाम लगाने के प्रयास शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले तेज हो गए है। कांग्रेस ने विधानसभा में होने वाले हंगामे को रोकने के लिए विधायकों का वेतन-भत्ता काटने की तैयारी की है।  सदन में हंगामा कर कार्यवाही में बाधा डालने वाले विधायकों का भत्ता रोकने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में संसदीय कार्य विभाग ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखा है।

विधानसभा चुनाव में अपने वचन पत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि वो सदन में होने वाले हंगामे को रोकेगी। इसी को लेकर कमलनाथ सरकार प्रस्ताव ला रही है। अगर कोई विधायक विधानसभा में हंगामा करता है तो उसके लिए उनका वेतन-भत्ता काटा जाएगा। इस संबंध में संसदीय कार्य विभाग ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखा है, इस पत्र में यह भी लिखा है कि कांग्रेस ने वचन पत्र में इसका वादा किया था, इसे पूरा करना है। ऐसे में इस पर जल्द निर्णय लिया जाए। इसके पहले संसदीय कार्य विभाग एक पत्र और लिख चुका है। सरकार का दूसरी बार पत्र आने के बाद विधानसभा सचिवालय इस मामले में सक्रिय हो गया है। इसके लिए आनन-फानन में दूसरे राज्यों से जानकारी बुलवाई जा रही है कि वहां पर कार्यवाही में बाधा बनने वाले विधायकों पर क्या एक्शन लिया जाता है।

विधायकों के हंगामे के चलते कई बार विधानसभा की कार्रवाई में बाधा डलती है और जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती| कई बार हंगामा और शोर शराबा के कारण सदन की बैठकें निर्धारित समय के पहले समाप्त की गई। सदन की बैठकों के दौरान हंगामा हुआ तो विधायकों को उस दिन का भत्ता नहीं मिलेगा। इस दिशा में प्रयास शुरू हुए हैं, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका। विधायकों के वेतन-भत्ते एक लाख रुपए से अधिक है। सत्र के दौरान उन्हें 1500 रुपए प्रतिदिन भत्ता अलग से मिलता है। अब अगर कांग्रेस के वचन पत्र का पालन हुआ तो हंगामा के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चली तो विधायकों को यह भत्ता नहीं मिलेगा। हालाँकि अभी यह कागजों में है, इस पर अमलीजामा पहना पाना आसान नहीं होगा| विधानसभा का शीतकालीन सत्र 17 से 23 दिसंबर तक चलना है।

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment