रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के कोटा इलाके में स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में बुधवार को श्रीरामकृष्ण प्रार्थना मंदिर का प्रतिष्ठापन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि युवाओं को उठो, जागो और तब तक न रूको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाती’ का प्रेरणादायक संदेश देने वाली स्वामी विवेकानंद की स्मृति में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्मारक बनाया जाएगा. सीएम बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दो वर्ष का समय रायपुर में गुजारा था. वे रायपुर के जिस डे भवन में रूके थे उसे राज्य शासन द्वारा ले लिया गया है और ट्रस्ट को इस भवन की जगह दूसरी जगह जमीन दे दी गई है.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस (Swami Ramakrishna Paramahamsa) दुनिया के ऐसे पहले संत थे, जिन्होंने कहा था कि हम किसी भी विधि से प्रार्थना करें सभी रास्ते एक ही ईश्वर तक जाते हैं. स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने शिवभाव से जीवों की सेवा यानी दरिद्र नारायण की सेवा का मूल मंत्र दिया. स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु के इस मंत्र को अपना प्रमुख लक्ष्य बनाया. इसी वजह से रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद आश्रम में आज भी जीव सेवा और मनुष्यता की सेवा का कार्य समर्पण के साथ किया जाता है. उन्होंने समानता की बात की, सहज-सरल भाषा में व्यवहारिक बाते कही. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद, स्वामी निखिलात्मानंद और स्वामी सत्यरूपानंद ने छत्तीसगढ़ को स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की भावधारा से जोड़ने की शुरूआत की.