शाहजहांपुर
स्वामी चिन्मयानंद केस में रंगदारी मांगने के आरोपी विक्रम उर्फ दुर्गेश सिंह को रविवार सुबह जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। विक्रम की रिहाई का परवाना शनिवार शाम देर से जेल पहुंचा था, इसलिए शनिवार शाम विक्रम की रिहाई नहीं हो सकी। इसके बाद जेल प्रशासन ने रविवार सुबह विक्रम को जेल से आजाद किया।
विक्रम को लेने के लिए उनके परिवार के लोग आए हुए थे। बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद से जुड़े दो मुकदमे दर्ज हुए थे। एक मुकदमा छात्रा के पिता की ओर से दर्ज कराया गया था, जिसमें चिन्मयानंद को आरोपी बनाते हुए उन पर अपहरण धमकी देने की धाराएं लगी थींं। बाद में एसआईटी ने मामले की जांच की तो जिनमें 376 सी समेत कई अन्य धाराएं तरमीम कींं।
दूसरा मुकदमा वकील ओम सिंह की ओर से दर्ज कराया गया था, जिसमें उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की भी जांच एसआईटी ने की और छात्रा, संजय, विक्रम, सचिन को 5 करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का आरोपी बनाया। सबसे अंत में चार्जशीट दाखिल करते वक्त इस मामले में दो आरोपी और बनाए गए थे। अभी तक छात्रा, विक्रम, सचिन की जमानत हाईकोर्ट से हो चुकी है, जिसमें छात्रा और विक्रम जेल से रिहा हो चुके हैं।
सचिन की रिहाई होनी बाकी है, जैसे ही जमानत सत्यापित होगी और आखया कोर्ट में पेश की जाएगी। सचिन को रिहाई का आदेश दे दिया जाएगा। इधर, चिन्मयानंद की जमानत पर फैसला हाईकोर्ट में सुरक्षित है,करीब 1 माह से ज्यादा बीतने के बाद भी कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं दिया है।