नई दिल्ली
पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा कि सौरभ गांगुली के कप्तान बनने से पहले उन्हें कभी नहीं लगता था कि भारत पाकिस्तान को हरा सकता है। अख्तर ने ‘भारतीय क्रिकेट में बदलाव’ का श्रेय बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष को दिया। अख्तर ने अपने विडियो चैनल पर कहा, ‘मैंने मैदान पर और मैदान के बाहर सौरभ गांगुली के साथ काफी समय बिताया। कोलकाता नाइटराइडर्स में वह मेरे कप्तान थे। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो भारतीय क्रिकेट में बदलाव लेकर आए। उन्होंने भारतीय टीम की मानसिकता बदल दी। उनके कप्तान बनने से पहले, 1997 या 1998 में, मुझे कभी नहीं लगा कि भारत पाकिस्तान को हराने के लिए मानसिक रूप से मजबूत है।’ उन्होंने कहा, ‘उनमें (गांगुली) प्रतिभा को पहचानने की क्षमता थी। वह हरभजन, सहवाग, जहीर और युवराज जैसे खिलाड़ियों को लाए। अंतत: मैंने एक अलग भारत देखा। उनके पास ऐसी टीम थी जो पाकिस्तान को हरा सकती थी। उन्होंने 2004 में पाकिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज जीती, यह बड़ी सीरीज थी।’
गांगुली 2000 से 2005 तक भारतीय टीम के कप्तान रहे। महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली द्वारा पीछे छोड़े जाने तक वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे। अख्तर ने कहा, ‘गांगुली शानदार नेतृत्वकर्ता हैं, प्रतिभा चुनने के मामले में वह ईमानदार व्यक्ति हैं। उनके पास क्रिकेट की शानदार समझ है। वह भारतीय टीम को फर्श से शीर्ष स्तर पर ले गए।’ पाकिस्तान के लिए 1997 से 2007 के बीच 46 टेस्ट में 247 विकेट चटकाने वाले 44 साल के अख्तर ने कहा कि लोगों को गलत धारणा थी कि गांगुली उनकी तेज गति की गेंदों का सामना करने से डरते थे। अख्तर ने कहा, ‘मैंने मोहाली में उनके शरीर, पसलियों पर गेंद मारी। वह मेरी गेंद पर हुक या पुल शॉट नहीं खेल पाए। यह उनकी बल्लेबाजी की कमी थी। वसीम (अकरम) ने मुझे उनकी पसलियों पर गेंद मारने को कहा लेकिन यह गलत धारणा थी। आखिर वह मेरे से डरता तो मेरी गेंद का सामना करने क्यों आते।’ उन्होंने कहा, ‘वह बीसीसीआई अध्यक्ष बनने वाले हैं, उम्मीद करता हूं कि वह विश्व क्रिकेट में अंतर पैदा कर पाएंगे, टेस्ट क्रिकेट को बचाएंगे और पूरे साल खेले जा रहे क्रिकेट को कम करेंगे, विशेषकर टी20।’