पटौदी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि वह या तो अपनी सोच और आदतें बदल ले, वरना उसे टुकड़े-टुकड़े होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'आज मैं बेहद विनम्रता के साथ पाकिस्तान को एक सुझाव देना चाहता हूं कि वह जिस तरीके से सोचता है और जिस दिशा में सोचता है, वह तरीका और दिशा उसे बदल लेनी चाहिए अन्यथा वह, जो पहले ही दो टुकड़ों में बंट चुका है, आगे भी कुछ हिस्सों में बंट जाएगा।'
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होने वाली है। इसी सिलसिले में रक्षा मंत्री ने वहां एक इलेक्शन रैली को संबोधित किया। इससे पहले, उन्होंने सोनीपत रैली में पाकिस्तान को आतंकवाद पर उसके नजरिए को लेकर सचेत करते हुए उससे क्षेत्र में शांति एवं भाईचारा कायम रखने की अपील की।
भारत के पास कट्टरवादी ताकतों से निपटने की क्षमता: राजनाथ
राजनाथ ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान ईमानदारी से काम करते हुए आतंकवाद को खत्म करे और भाईचारा कायम रखे। हम पड़ोसी हैं और एक-दूसरे के साथ-साथ चलना चाहते हैं। अगर आपने आतंकवाद के खिलाफ ईमानदारी से कार्रवाई नहीं की तो मैं स्पष्ट कर देता हूं कि भारत के पास कट्टरवादी ताकतों से निपटने की क्षमता है।'
पाकिस्तान कहे तो भारत अपनी आर्मी भेजने को तैयार: राजनाथ
रक्षा मंत्री ने रविवार को ही करनाल की रैली में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को यह कहते हुए सलाह दी कि अगर पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने को लेकर गंभीर है तो भारत उसकी मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए भारत अपनी फौज पाकिस्तान भेज देगा।
पाक पीएम इमरान को रक्षा मंत्री राजनाथ का ऑफर
उन्होंने कहा, 'मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बताना चाहता हूं कि अगर आप आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर वाकई गंभीर हैं तो हम आपकी मदद करने को तैयार हैं। अगर आप हमारी आर्मी की मदद चाहते हैं तो हम आपकी मदद के लिए अपनी आर्मी भी भेजने को तैयार हैं।' उन्होंने कश्मीर पर इमरान के नजरिए की कड़ी आलोचना भी की।
कश्मीर पर दुनिया की कोई ताकत हम पर दबाव नहीं डाल सकती: राजनाथ
उन्होंने कहा, 'मैं इमरान खान का भाषण सुन रहा था जहां उन्होंने कहा था कि कश्मीर की आजादी तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहेगा। कश्मीर तो भूल जाइए। इसके बारे में सोचिए भी मत। मुद्दा उठाने से कुछ नहीं होगा। कोई भी ताकत हम पर दबाव नहीं बना सकती है।'