नई दिल्ली
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2021-22 सत्र से सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मिजोरम में स्थापित सैनिक स्कूल छिंगछिप में दो वर्ष पहले लड़कियों के प्रवेश के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद यह फैसला लिया गया है।
मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल ने बनाई नई परंपरा
मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल ने एक नया मिसाल कायम किया। दरअसल, इस सैनिक स्कूल में चार जून, 2018 को छह लड़कियों को दाखिला दिया। यह छात्राओं को दाखिला देने वाला देश का पहला सैनिक स्कूल बन गया है। इसके पहले तक सैनिक स्कूल लड़कों के लिए ही जाना जाता था, लेकिन छिंगछिप सैनिक स्कूल ने देश के अन्य सैनिक स्कूलों के लिए एक नया उदाहरण पेश किया।
हालांकि इससे पहले उत्तर प्रदेश के एक सैनिक स्कूल में अप्रैल, 2018 में लड़कियों को दाखिला दिया गया लेकिन इसको राज्य सरकार द्वारा फंड दिया जाता है। ज्ञात हो दें कि सैनिक स्कूल वास्तव में रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
सैनिक स्कूल सोसायटी की ओर से संचालित होते हैं स्कूल
इन स्कूलों के स्थापना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उचित शिक्षण देकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश कराना था। सैनिक स्कूल में शिक्षण का माध्यम अंग्रेजी होता है। यह स्कूल सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा गठित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के द्वारा संचालित होते है। देश के रक्षा मंत्री इस बोर्ड के चेयरमैन व राज्यों के मुख्य मंत्री और शिक्षा मंत्री बोर्ड के सदस्य होते हैं।
इन राज्यों में हैं सैनिक स्कूल
महाराष्ट्र में सतारा, पंजाब में कपूरथला, उत्तर प्रदेश में लखनऊ, राजस्थान में चित्तौड़गढ़ आंध्र प्रदेश में कोरूकोडां, पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, उड़ीसा में भुवनेश्वर, तमिलनाडु में अमरवंथीनगर, हरियाणा में कुंजपुरा, झारखंड में तिलैय्या, कर्नाटक में बीजापुर, असम में गोलपारा, उत्तराखंड में घोड़ाखाल, जम्मूकश्मीर में नागरोटा, गुजरात में बालाछड़ी, बिहार में नालंदा, नगालैंड में पुंग्लवा, छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर, हरियाणा में रेवाड़ी, आंध्र प्रदेश में कलिकिरी, कर्नाटक में कोडागू, केरल में त्रिवेंद्रम, मध्य प्रदेश में रीवा, मणिपुर में इम्फाल, हिमाचल प्रदेश में सुजानपुर तीरा।