रील लाइफ और रियल लाइफ में बहुत अंतर होता है। महानायक फिल्मों में एक साथ दस-दस गुंडों को मारकर अस्पताल पहुंचा देता है। लेकिन छोटे से कोरोना वायरस ने महानायक को अस्पताल पहुंचा दिया। ऊपर वाले गरीबों को भी सेलिब्रिटीं बना दे, कीड़े-मकोड़ों की तरह जिंदगी गुजारने वालों को भी तवज्जो दिलवा दे, क्या है, तेरा यह इंसाफ सेलिब्रिटी को चले छींक बन जाए ब्रेकिंग न्यूज़। गरीब घिसटते रहे जिंदगी भर खबर वालों की नजर तक न जाए।
सदी के महानायक को हल्का सा बुखार और हल्का सा कोरोना क्या हुआ बन गई ब्रेकिंग न्यूज़, चैनल वालों को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया। कल रात से जो भी चैनल खोलो उसमें महानायक दिख रहे हैं। भूल गए सब गुर्गे को चीन को, गरीबों के दुख-दर्द को आज भारत का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया महानायक का कोरोना।
कहीं जनता का ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए महानायक को मोहरा तो नहीं बनाया गया। यह बात साफ हो गई कोरोना वायरस सबको एक नजर से देखता है। ना अमीर देखता, ना गरीब, ना नेता को देखता और ना ही अभिनेता को। यह वही महानायक हैं, जिनको जनता ने नायक से महानायक बनाया। अगर जनता उनकी फिल्में नहीं देखती तो आज महानायक भी गुमनामी की जिंदगी बिता रहे होते।
यह बात साफ हो गई देश की महानायक जनता होती है। इसमें इतनी ताकत होती है, पत्थर को भगवान बना दे, किन्नर को नेता, पर इसी आम जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं होता। जनता की याद तब आती है, जब चुनाव होता है, या किसी नायक की फिल्म रिलीज होने वाली होती है।
अगर आम इंसान कोरोना की चपेट में आ जाते हैं, तो उसको अस्पताल में ले जाकर पटक दिया जाता है। घरवाले भटकते रहते हैं, उसकी तबीयत की जानकारी लेने के लिए, पर जानकारी नहीं मिल पाती। खबर आती है, आपका मरीज ठीक हो गया या स्वर्ग सिधार गया।
हमारे देश के सच्चे महानायक सेना, पुलिस, डॉक्टर और नगर निगम कर्मी हैं, जो इस महामारी में दिन रात लगे हुए हैं। यह लोग पीपीई किट दिनभर पहन कर रखते हैं। इस किट में शरीर को हवा तक नहीं मिल पाती है, सांस लेने में भी दिक्कत होती है। अगर आप दिनभर केवल मास्क लगाकर रखते हो तो आप को सांस लेने में दिक्कत होती है। थोड़ी थोड़ी देर में मास्क को नीचे कर खुली हवा में सांस लेते हैं।
आज महानायक के लिए पूरे भारत में पूजा एवं दुआओं का दौर चालू हो गया, हर शख्स की जबान पर महानायक का नाम है। जिनको आपने प्रत्यक्ष रुप से कभी नहीं देखा, जो आपको पहचानता नहीं, उसके लिए इतनी दुआएं। कभी आपने निगम कर्मी जो आपके घर का कचरा सिर पर उठाकर ले जाता है, जब आपका उससे सामना होता है, वह मुस्कुराते हुए आप को सलाम ठोकता है, जब वह बीमार होता है, उसके लिए कभी दुआ नहीं की होगी।
डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ दिन भर कोरोना के मरीजों की सेवा करते हैं, और अगर वह बीमार हो जाए आपने कभी उनके लिए दुआ नहीं की होगी। हमारे पुलिसकर्मी दिन-रात आपकी सुरक्षा में लगे रहते हैं, अगर वह बीमार हो जाएं तो उनके लिए भी कभी दुआ नहीं की होगी। तो किसी ने सही कहा है, जो दिखता है, वह बिकता है।
महानायक रोज टीवी चैनलों पर दिखते हैं, जिसके एवज में उनको करोड़ों रुपए मिलते हैं। जब उनका बुरा वक्त आता है, तो लोग उनके लिए मदद का हाथ बढ़ाते हैं, चाहे अनिल अंबानी हो, या सहारा के सुब्रतो घोष, अमर सिंह हो या मुलायम सिंह। इन्हीं लोगों ने महानायक को कर्जे की नैया से बाहर निकाला, और आज यही सब लोग गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं, अनिल अंबानी कर्जों के वजह से परेशान, सहारा के सुब्रतो घोष जेल में, बीमारी के वजह से अमर सिंह अस्पताल में मुलायम सिंह सत्ता से बाहर।
ऊपर वाले से मेरी यह दुआ है कि हमारे डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ पुलिसकर्मी एवं निगम कर्मियों को हिम्मत दे। अच्छा स्वास्थ्य दे, इतनी मेहनत करने के बाद भी मु_ी भर पैसा कमाते हैं। इसके साथ ही यह भी दुआ है मेरी इस सदी के महानायक को भी जल्द स्वस्थ करें स्वस्थ होने के बाद फिर से परेशान जनता का मनोरंजन करें।
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