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‘सुप्रीम’ फैसले का दिन महाराष्ट्र पर आज

 
मुंबई/नई दिल्ली 

महाराष्ट्र में शनिवार सुबह-सुबह नई सरकार बन गई, लेकिन शाम होते-होते उस सरकार से बड़ा कद शरद पवार का हो गया. शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद खबर आने लगी कि एनसीपी टूट गई है, लेकिन शनिवार शाम तक एनसीपी के 49 विधायक शरद पवार की जयजयकारी करते उनकी शरण में आ गए.

महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर शनिवार को दिनभर बवाल चलता रहा और शाम तक मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने याचिका दाखिल करके महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट तीनों दलों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है.

आज जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन न्यायमूर्तियों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. इस बेंच में  जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हैं. यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर- 2 में रविवार सुबह 11:30 बजे से होगी. वहीं, शनिवार देर रात अजित पवार बीजेपी नेताओं के साथ वकीलों से मुलाकात करने पहुंचे और कानूनी विकल्प को लेकर सलाह मशविरा किया.

महाराष्ट्र में नई सरकार बनने की किसी को नहीं लगी भनक

शनिवार सुबह जब उद्धव ठाकरे, शरद पवार और सोनिया गांधी सोकर जागे, तो महाराष्ट्र की सत्ता उनके हाथ से निकल चुकी थी. उन्हें पता ही नहीं चला कि कब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटा दिया और कब  देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी. उद्धव ठाकरे के तो पैरों तले की जमीन ही खिसक गई. उन्होंने एनसीपी चीफ शरद पवार को फोन किया, तो पता चला कि शरद पवार खुद सदमे में बैठे थे.

शरद पवार बोले- अजित पवार का फैसला अनुशासनहीनता

अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने की खबर से एनसीपी चीफ शरद पवार हैरान थे. इसके बाद उन्होंने लगातार एनसीपी विधायकों से संपर्क साधना शुरू किया. शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन से अलग है. यह अनुशासनहीनता है. एनसीपी का कोई भी नेता बीजेपी सरकार के समर्थन में नहीं है.

शरद पवार ने कहा कि एनसीपी के जो भी विधायक बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि वो दल-बदल कानून के प्रावधान में आ रहे हैं. इससे उनका विधायक पद खतरे में आ सकता है. इसके बाद शनिवार शाम साढ़े चार बजे वाई. बी. चव्हाण सेंटर में उन्होंने सभी विधायकों की बैठक बुलाई. एक-एक करके एनसीपी के विधायक इस बैठक में पहुंचने लगे.

एनसीपी की बैठक में पहुंचे 42 विधायक

आखिर में एनसीपी के 54 विधायकों में से 42 विधायकों के बैठक में हिस्सा लेने की खबर आई. इनमें से वो 7 विधायक भी थे, जो अजित पवार के साथ राजभवन गए थे. अजीत पवार के साथ एनसीपी के 10 विधायक राजभवन पहुंचे थे. मुंबई के वाई. बी. चव्हाण सेंटर में हुई एनसीपी की बैठक में अजित पवार को विधायक दल के नेता के पद से हटाने और उनकी जगह जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता बनाने का फैसला लिया गया. इसके बाद जयंत पाटिल ने दावा किया कि उनकी पार्टी के 49 विधायक शरद पवार के साथ हैं.

शरद पवार के साथ नजर आए विधायक

इन सबके बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे एनसीपी के विधायक संजय भंसोड को लेकर बैठक में पहुंचे. शरद पवार के एक्शन में आते ही एनसीपी के ज्यादातर विधायक उनके साथ नजर आए. दूसरी तरफ अजित पवार अपने घर पर अकेले मौजूद थे. किसी से फोन पर लगातार बात कर रहे थे. इससे पहले खबर आई कि शरद पवार उनके संपर्क में हैं. वो अजित पवार पर फैसला पलटने के लिए दबाव बना रहे हैं.

विधानसभा में कैसे बहुमत साबित करेंगे फडणवीस

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ तो ले ली, लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि वो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा कहां से लेकर आएंगे. हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि वह आसानी से बहुमत साबित कर लेगी, लेकिन सूरते हाल कुछ और है. एनसीपी के ज्यादातर बागी विधायक वापस लौट आए हैं. ऐसे में बहुमत साबित करने की डगर मुश्किल नजर आ रही है.

फडणवीस बोले- मोदी हैं, तो मुमकिन है

जब करीब-करीब तय हो गया था कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बन जाएगी. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन जाएंगे, तभी बाजी पलट गई. देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए. महाराष्ट्र में खुशियों के लड्डुओं ने अपना पता बदल लिया. महाराष्ट्र के बीजेपी खेमे में खुशियों का मौसम आ गया और मुंबई बीजेपी दफ्तर में रंगारंग स्वागत के बीच सीएम फडणवीस बोले कि मोदी हैं, तो मुमकिन है.
 

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