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सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज, महाराष्ट्र में क्या होगा बीजेपी का भविष्य

 
नई दिल्ली 

महाराष्ट्र के सियासी संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही तय करेगा कि महाराष्ट्र की नई भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) सरकार का भविष्य क्या होने वाला है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने सोचा नहीं होगा कि ताजपोशी के 24 घंटे के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक बात पहुंच जाएगी और उन्हें सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिल जाएगा. एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस ने एक साथ जोर लगाया तो रविवार को भी सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में सरकार गठन पर उठ रहे सवालों पर सुनवाई हुई. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुबह 10 बजकर 30 मिनट से सुनवाई शुरू होगी.

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया कि राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा इस्तेमाल किए गए समर्थन पत्रों को अदालत में पेश किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए सरकार को आज सुबह समर्थन पत्र कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है.

जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत राज्य में सरकार बनाने के लिए फडणवीस को आमंत्रित करने के राज्यपाल के आदेश की जांच के बाद तत्काल बहुमत सिद्ध करने वाली शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी) की याचिका पर फैसला करेगी.

फ्लोर टेस्ट का जारी हो सकता है आदेश

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ के सामने कहा कि कहा कि याचिकाकर्ता 19 दिनों से सो रहे थे, और अब वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आज ही फ्लोर टेस्ट (बहुमत सिद्ध) कराने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी हो सकता है.

सुप्रीम कोर्ट में जहां शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल हैं तो कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी. बीजेपी के कुछ नेताओं की तरफ से दाखिल याचिका को लेकर मुकुल रोहतगी और केंद्र की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं.

सभी पक्षकारों को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस

सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने सबकी दलीलें सुनने के बाद सभी पक्षों के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार को भी नोटिस भेजा. कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश और देवेंद्र फडणवीस की तरफ से पेश किए समर्थन पत्र को भी सुनवाई को दौरान पेश करने का आदेश दिया है.

बीजेपी का दावा सरकार पर 'संकट' नहीं

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस और एनसीपी की तरफ से राज्यपाल के फैसले, राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की प्रक्रिया और फ्लोर टेस्ट की तारीख नहीं देने को लेकर भी सवाल उठे. सुनवाई के दौरान कोर्ट में सभी दलों के नेता भी मौजूद थे. कांग्रेस ने बहुमत साबित करने की देरी पर सवाल उठाए तो बीजेपी ने दावा किया कि फडणवीस की सरकार पर कोई संकट नहीं है.

वहीं एनसीपी ने 41 विधायकों के दस्तखत वाली चिट्टी सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी. साथ ही ये दावा किया जा रहा है कि सोमवार तक इस सूची मे और भी विधायकों के नाम जुड़ सकते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही कहा जा सकता है कि महराष्ट्र में सरकार गठन का क्या भविष्य होने वाला है.

'केंद्र के निर्देश पर काम कर रहे राज्यपाल'

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि राज्यपाल केंद्र के सीधे निर्देश पर काम कर रहे हैं. राष्ट्रपति शासन खत्म करने की सिफारिश, कैबिनेट मीटिंग और राष्ट्रपति के दस्तखत कब हुए इसकी टाइम लाइन तलब की जाए. कोर्ट ने सरकार गठन से जुड़ी पूरी प्रक्रिया के पेपर को लेकर आने को कहा है.

सुबह 10:30 बजे से होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10 बजकर 30 मिनट से सुनवाई शुरू होगी. आज सुबह राज्यपाल के आदेश और फडणवीस की ओर से भेजे गए पत्र के आदेश को भी लाने को कहा गया है. साथ ही केंद्र, महाराष्ट्र, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को नोटिस जारी किया गया है.

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