नई दिल्ली
महाराष्ट्र में अगली सरकार को लेकर चल रही अटकलों के बीच, शिवसेना ने शनिवार को कहा कि वह "गठबंधन धर्म" का पालन करेगी। शिवसेना के इस बयान को भाजपा के प्रति उसके नरम रुख के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे आने के बाद से ही सत्ता के बंटवारे को लेकर शिवसेना और भाजपा में घमासान छिड़ा हुआ है। गौरतलब है कि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त हो रहा है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा, "शिवसेना ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा और हम आखिरी समय तक गठबंधन धर्म का पालन करेंगे।"
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के लिए कांग्रेस नेता हुसैन दलवई के कदम का स्वागत किया जिसमें नई सरकार बनाने में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के समर्थन की सिफारिश की गई थी। दिलचस्प बात यह है कि राउत ने कहा कि शुक्रवार को शिवसेना को स्थिर सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या मिल सकती है। उन्होंने कहा था कि, 'राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, शिवसेना और भाजपा को छोड़कर हर कोई एक-दूसरे से बात कर रहा है। शिवसेना ने सरकार बनाने की बात नहीं रोकी। बता दें कि राउत राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ अपनी हालिया बैठक के दौरान यह कहते हुए दिखाई दिए थे कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए राज्य में एक नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है।
उधर आज ही महाराष्ट्र के इस सियासी गतिरोध के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान आया। एनसीपी यानी राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि जनता ने उनकी पार्टी से विपक्ष में बैठने के लिए कहा है और पार्टी ऐसा ही करेगी। शिवसेना की राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावना की खबरों के बीच पवार ने यह टिप्पणी की।